पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कर्रवाई, योजनाओं से होंगे वंचित
धान की कटनी शुरू हो चुकी है, कटनी के बाद जो खेत में पराली छूट जाते हैं, उसकी महत्ता को किसान समझ नहीं पाते और उसे जला देते हैं। विभाग नहीं चाहता कि किसान पराली को जलाए, उसे खेत में ही छोड़ दें। इसको लेकर किसान सलाहकारों को यह टॉस्क मिला हुआ है कि गांव-गांव घुमकर इसकी जानकारी लें कि कौन पराली को जला रहे हैं।
केटी न्यूज/डुमरांव
धान की कटनी शुरू हो चुकी है, कटनी के बाद जो खेत में पराली छूट जाते हैं, उसकी महत्ता को किसान समझ नहीं पाते और उसे जला देते हैं। विभाग नहीं चाहता कि किसान पराली को जलाए, उसे खेत में ही छोड़ दें। इसको लेकर किसान सलाहकारों को यह टॉस्क मिला हुआ है कि गांव-गांव घुमकर इसकी जानकारी लें कि कौन पराली को जला रहे हैं। जिस किसान के खेत में पराली जलते हुए पाया जाता है, उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में बीएओ गोपाल प्रसाद ने बताया कि पराली जलाने वाले किसान को योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। खेतों में पराली को क्यों नहीं जलाना चाहिए किसान सलाहकार गांव-गांव घुमते हुए किसानों को इसकी जानकारी दे रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि पराली जलाने से खेत को कितना नुकसान पहुंचता है। पराली जलाने से मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिसका असर फसल के उपज पर पड़ता है। किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि खेत में ही पराली को छोड़ दिया जाए। पराली को खेत में छोड़ देने से वह खाद बनकर फसल को लाभ पहुंचाता है। विभाग ने इस पर कड़ी नजर रखने के लिये आदेश दिया है, जिसको लेकर विभाग कएदम से एलर्ट मोड में आ गया है। किसान सलाहकार अपने-अपने क्षेत्र में घुमते हुए इस पर निगरानी रखे हुए हैं। सोमवार को गेहूं लेने ई-किसान भवन पहुंचे किसानों के साथ बैठक कर बीएओ ने उन्हें सारी बातों से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि पराली जालाने से उनके खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है और छोड़ दिये जाने से वहीं खाद का लाभ पहुंचाता है। किसानों पर इसका काफी असर देखने को मिला और सभी ने पराली को यों ही खेत में छोड़ देने की बात कही।