सुख गयी बिहार सूबे की 24 नदियां

बिहार में भी हाल में 24 नदियां सूख गयी हैं।इस कड़ी में उत्तर बिहार की 16 और दक्षिण बिहार की 8 नदियां सूख चुकी हैं।

सुख गयी बिहार सूबे की 24 नदियां
Bihar rivers dried

केटी न्यूज़/बिहार

भारत में जल संकट एक अहम मुद्दा है जो कई कारणों से उत्पन्न होता है। तेजी से बढ़ रहा शहरीकरण, औद्योगीकरण और अस्थिर कृषि पद्धतियाँ पानी की माँग बढ़ाने में योगदान करती हैं। वहीं जलवायु परिवर्तन ने भी स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे वर्षा पैटर्न अनियमित हो गया है और जल स्रोत प्रभावित हो रहे हैं।भारत के कई राज्य हैं जहां पानी के संकट को देखा जा रहा है वहीं अब बिहार में भी हाल में 24 नदियां सूख गयी हैं।इस कड़ी में उत्तर बिहार की 16 और दक्षिण बिहार की 8 नदियां सूख चुकी हैं। राज्य के कुल 23 जिलों में इन 24 नदियों का प्रवाह थम गया है। इन सभी नदियों की कुल लंबाई 2986 किलोमीटर है। इसमें लगभग 670 किलोमीटर एरिया में गाद भर गया है। कभी इन नदियों में लबालब पानी भरा रहता था।

सूखनेवाली नदियां

उत्तरी बिहार के समस्तीपुर व बेगूसराय में बैती

मुजफ्फरपुर में बलान

सीतामढ़ी और दरभंगा में बूढ़

पश्चिमी चंपारण में चंद्रावत 

खगड़िया और समस्तीपुर में चान्हो

गोपालगंज और सारण में दाहा 

पूर्वी चंपारण में डोरवा

मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में जमुआरी

रोहतास में काव

भागलपुर में खलखलिया

मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में लखनदेई

सारण में माही

गोपालगंज और सीवान में तेल

कटिहार और किशनगंज में रामदान

दरभंगा व मधुबनी में पुरानी कमला

अररिया में नूना नदी 

दक्षिण बिहार के गया में बंधिया

जहानाबाद, नालंदा व पटना में फल्गु

नालंदा में गोइठवा

गया में पैमार और जहानाबाद में मोहड़ा

कैमूर में सुआरा

नालंदा और पटना में सकरी

नालंदा और नवादा में पंचाने 

 

पानी के जगह इन नदियों में भरा हुआ है गाद।बैती नदी की लंबाई कुल 100 किलोमीटर है जिसमे कम से कम 19.93 किमी में तो गाद भरा हुआ है।इसी तरह कई नदियां है जिनमें पानी की जगह गाद देखने को मिलेगा,जो इस प्रकार है।

बलान कुल लंबाई 150 और गाद 84 किलोमीटर

बूढ़ा कुल लंबाई 144 और गाद 5.5 किलोमीटर

चंद्रावत कुल लंबाई 126 और गाद 1 किलोमीटर

चान्हो कुल लंबाई 146 और गाद 28.5 किलोमीटर

दाहा कुल लंबाई148 और गाद 9 किलोमीटर

डोरवा कुल लंबाई 35 और गाद 5 किलोमीटर 

जमुआरी कुल लंबाई 109 और गाद 42.5 किलोमीटर

काव कुल लंबाई 92 में और गाद 55 किलोमीटर

खलखलिया कुल लंबाई 101 और गाद 8.5 किलोमीटर

लखनदेई कुल लंबाई 128 और गाद 17 किलोमीटर

माही कुल लंबाई 89 और गाद 40.6 किलोमीटर

तेल कुल लंबाई 170 और गाद 27 किलोमीटर

रामदान कुल लंबाई 182 और गाद 44 किलोमीटर

पुरानी कमला कुल लंबाई 15.5 और गाद 10 किलोमीटर

नूना कुल लंबाई 145 किलोमीटर और गाद 10 किलोमीटर 

 

इन्ही गाद की अब सफाई की योजना बनायी गयी है और योजना के तहत इन नदियों का गाद जल्द हटाया जायेगा।

बंधिया कुल लंबाई 223 और गाद की सफाई 18.7 किलोमीटर

फल्गु कुल लंबाई 250 और गाद की सफाई 7 किलोमीटर

गोइठवा कुल लंबाई 50 और गाद की सफाई 11किलोमीटर

मोहड़ा कुल लंबाई 90 और गाद की सफाई 40 किलोमीटर

सुअरा कुल लंबाई 55 और गाद की सफाई  11 किलोमीटर

सकरी कुल लंबाई 142 और गाद की सफाई  31किलोमीटर

पंचाने कुल लंबाई 130 और गाद की सफाई 25.72 किलोमीटर

पैमार कुल लंबाई 77 किलोमीटर और गाद की सफाई 38.67 किलोमीटर

बिहार की सूखी नदियों की ऐसे हुई शिनाख्त

मनरेगा की ओर से  GIS का प्रयोग किया गया। इसमें शुरुआती स्तर के अध्ययन में पाया गया कि राज्य की 24 नदियों को पुनर्जीवित व जीर्णेद्धार करने की आवश्यकता है। इसे लेकर मनरेगा आयुक्त ने राज्य के सभी DDC को पत्र भेजकर इन नदियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। इसे किस तरह पुनर्जीवित किया जाये, इसे लेकर प्लान बनाया जायेगा।जरूरत पड़ने पर तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से राज्य के सभी DM और मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को भी दी गयी है।मनरेगा आयुक्त संजय कुमार ने कहा कि जीआइएस GIS का उपयोग से प्रारंभिक स्तर पर 24 नदियों को पुनर्जीवित करने और जीर्णाेद्धार की संभावना दिखी है। इसका भौतिक सत्यापन कराने का आदेश राज्य के सभी डीडीसी को भेजा गया है। इन नदियों में पुनर्जीवन के प्लान पर जल्द ही काम शुरू करवाया जायेगा।

आखिर क्यों बिगड़ी स्थिति

पिछले पांच-छह सालों से राज्य में अनियमित बारिश के कारण भूजलस्तर पर बुरा प्रभाव पड़ा है, वहीं नदियों में भी पानी गायब है, हाल यह है कि इन नदियों के तल में भी पानी खत्म होने की कागार पर पहुंच गया है। जिसका सबसे बड़ा असर अब दिख रहा है। नदीयां ही अब पानी के लिए तरस रही हैं। यदि अब मानसून में औसत बारिश नहीं हुई तो इन नदियों के लिए बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में जलहीन नदियों की संख्या और बढ़ सकती है।बाकी मनरेगा की ओर से  GIS का प्रयोग के बाद राज्य की 24 नदियों को पुनर्जीवित व जीर्णेद्धार करने की योजना भी बनाई जा रही है।