पराली जलाने वालों पर विभाग सख्त, तीन वर्षाे तक कृषि एवं कृषि से संबंध विभाग से नहीं ले पाएंगे लाभ

पराली जलाने वालों पर विभाग सख्त, तीन वर्षाे तक कृषि एवं कृषि से संबंध विभाग से नहीं ले पाएंगे लाभ

पराली जलाने वालों पर विभाग सख्त, तीन वर्षाे तक कृषि एवं कृषि से संबंध विभाग से नहीं ले पाएंगे लाभ

केटी न्यूज/ बक्सर  फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता फैलाने के साथ ही कृषि विभाग व जिला प्रशासन इस बार पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त हो गया है। पराली जलाने से पर्यावरनण को पहुंच रहे खतरें को देखते हुए कृषि विभाग इस बार पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर उनपर धारा 133 के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने तथा उन्हें तीन वर्षो तक किसी भी तरह के कृषि अनुदान का लाभ नहीं देने व पूरे परिवार के पंजीकरण को ब्लाक करने का निर्णय लिया है। पराली जलाने वाले व्यक्तियों की निगरानी विभाग द्वारा सेटेलाईट के माध्यम से की जा रही है। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार जिले का तापमान सामान्य से अत्यधिक रहने की संभावना बताई गई है। इस परिस्थिति में पराली जलाने वाले सावधान रहे। पराली जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ मिट्टी की सेहत लगातार खराब होती जा रही है। फसल अवशेष को जलाने से मिथेन, कार्बन डाई ऑक्साईड, कार्बन मोनो ऑक्साईड, पार्टिकुलेट मेटर जैसे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, साथ ही भूमि को उर्वर बनाने वाले तत्व यथा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सल्फर नष्ट हो जाते हैं, जो खेती के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। कृषि पदाधिकारी ने कहा कि फसल अवशेष को जलाने से फेफडे की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, कैंसर सहित इत्यादि जटिल बीमारियां होती है। जिला कृषि पदाधिकारी ने हार्वेस्टर मालिकों से अपील किया है कि आप स्वयं ‘‘पराली न जलायेंगे और न ही किसानों द्वारा पराली जलाने देंगे। उन्होंने कहा कि सभी हार्वेस्टर मालिक ससमय कृषि विभाग से पास बनवा लें। पास बनवाने हेतु आवेदन-पत्र, पराली नहीं जलाने का घोषणा-पत्र एवं दस्तावेज के रुप में हार्वेस्टर के पंजीकरण की छायाप्रति, एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) के विपत्र की छायाप्रति तथा फसल अवशेष प्रबंधन से सम्बंधित अन्य यंत्र के विपत्र की छायाप्रति सम्बंधित पंचायत के कृषि समन्वयक को उपलब्ध करा दें। आवेदन-पत्र उपलब्ध कराने के उपरांत यथाशीघ्र पास सम्बंधित हार्वेस्टर मालिक को उनके ही पंचायत में उपलब्ध करा दिया जायेगा। बिना पास के हावेस्टर संचालन करते पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण,बक्सर द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन वाले कृषि यंत्रो पर आकर्षक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।