धान प्रक्षेत्र दिवस पर आयोजित कार्यशाला में किसानों को दी गई धान की कई उन्नत किस्मों की जानकारी
धान प्रक्षेत्र दिवस पर आयोजित कार्यशाला में किसानों को दी गई धान की कई उन्नत किस्मों की जानकारी
मंगलवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वनस्पति अनुसंधान इकाई, धनगाई, बिक्रमगंज, रोहतास में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्त पोषित अखिल भारतीय समन्वित चावल सुधार परियोजना के जनजातीय उपयोजना अंतर्गत धान प्रक्षेत्र दिवस सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे राज्य के विभिन्न जिलों से 100 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया। इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के पर्यावरण आयोग के अध्यक्ष सह सीनजेन्ट्आ कंपनी के अन्तर्राष्ट्रीय सलाहकार डॉ हरिकेश बहादुर सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व सहायक महानिदेशक डॉ ईश्वर सिंह सोलंकी, सीमीत-मेक्सिको के अंतरराष्ट्रीय खाद्यान्न वैज्ञानिक डॉ रवि गोपाल सिंह थे। विशेषज्ञों ने अपने महत्वपूर्ण वक्तव्य किसानों से साझा किए। धान प्रक्षेत्र दिवस सह कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जिलों से आए किसानों को धान के 30 से ज्यादा नव विकसित प्रभेदों तथा उनके द्वारा ल के विकसित करने की तकनीकी तथा केंद्र पर लगे लगभग 43 प्रयोगों को भी दिखाया गया। जिसमें 1900 से अधिक ब्रींडिग पापुलेशन एवं आने वाले प्रभेद, जो विमोचित होने हैं उनके बारे मे जानकारी दी गई। किसान भाइयों तथा विशेषज्ञों ने पास के गांव में किसान विजगाए जाने वाले प्रभेदों के बारे में जानकारी देना था। इसके साथ ही 900 से ज्यादा धान की विभिन्न जर्मप्लाज्म को भी किसानों को दिखाया गया। जिसमें सुगंधित, स्वादिष्ट, अधिक उपज देने वाले एवं मध्यम तथा अल्प अवधि में होनेवाले प्रभेद थे। इसके साथ ही संस्थान में प्रभेदों के विकसित करने की तकनीकी तथा केंद्र पर लगे लगभग 43 प्रयोगों को भी दिखाया गया। जिसमें 1900 से अधिक ब्रींडिग पापुलेशन एवं आने वाले प्रभेद, जो विमोचित होने हैं उनके बारे मे जानकारी दी गई। किसान भाइयों तथा विशेषज्ञों ने पास के गांव में किसान विजय के खेत पर लगे नव विकसित प्रभेद, सबौर हीरा धान के साथ स्वर्ण एवं मिनी किट प्रयोग में प्रदर्शन के लिए लगी प्रभेद सबौर मसूरी धान के खेत का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सभी लोगों ने एकमत से सबौर हीरा धान की तारीफ की। इसके साथ ही केंद्र पे लगे, अन्य नव विकसित प्रभेदों जैसे बीआरआर2176, बीआरआर2177, बीआरआर2141, बीआरआर2108, बीआरआर2107, बीआरआर2074, आदि के गुणवत्ता एवं अत्यधिक उपज क्षमता की भी तारीफ की गई। साथ ही इन प्रभेदों के विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ प्रकाश सिंह के अल्पावधि में किए गए शोध कार्य की काफी प्रशंसा की गई। इस कार्यक्रम में अन्य वैज्ञानिक डॉ कमलेश प्रसाद, डॉ मो. रियाज अहमद, डॉ नित्यानंद, डॉ निखिल कुमार सिंह, डॉ जैन, डॉ विनोद सिंह, डॉ रतन, डॉ पांडुरंग के साथ ही क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक मदन सिंह, सत्येंद्र, अनंत बहादुर सिंह, अरविंद पाठक, संजय सिंह, विजय कुमार, धर्मेंद्र उपाध्याय, सुमन, हीरालाल, भगवान, आदि उपस्थित थे।