डीयू के प्रोफेसर ब्रह्मपुर के पुस्तकालय में डोनेट करेंगे एक लाख एक हजार की पुस्तकें, की घोषणा

डीयू के प्रोफेसर ब्रह्मपुर के पुस्तकालय में डोनेट करेंगे एक लाख एक हजार की पुस्तकें, की घोषणा

डीयू के प्रोफेसर ब्रह्मपुर के पुस्तकालय में डोनेट करेंगे एक लाख एक हजार की पुस्तकें, की घोषणा

- पुस्तकों में वर्ग नौ से 12 वीं तक की पुस्तकों के अलावे कुछ रिफ्रेंस बुक भी रहेंगे

- भाजपा से जुड़े है दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एके दुबे, सामाजिक क्षेत्रों में रहते है सक्रिय

केटी न्यूज/डुमरांव

मैं बचपन से ही समाज सेवा करते आया हूं, खासकर प्रोफेसर होने के नाते शिक्षा क्षेत्र में सेवा करना मैं अपना कर्तव्य समझता हूं। उक्त बातें ब्रह्मपुर में सभा के दौरान वहां के पुस्तकालय में एक लाख एक हजार की पुस्तकें डोनेट करने की घोषणा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व भाजपा नेता प्रो. एके दुबे ने डुमरांव में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उनका पहला उदेश्य शिक्षा की अलख जगाना है। प्रो. दुबे ने कहा कि शिक्षा का अलख जगाकर ही

बिहार को विकसित राज्य बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर के पुस्तकालय को वर्ग 9-12 तक के विद्यार्थियों के सिलेबस की पुस्तकों के अलावे कुछ रिफ्रेंस बुक भी दिए जाएंगे, जो आगे चलकर छात्रों को काफी काम आएंगे। वही उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर की सभा के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने बताया कि बक्सर के बाद ब्रह्मपुर तक कही भी एनएच 922 के किनारे सुपर स्पेशलिटि अस्पताल नहीं है। जबकि, एनएच 922 पर हर दिन दुर्घटनाएं होती है। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण आए दिन लोगों की जान जा रही है।

लोगों ने उनसे ब्रह्मपुर में एक सुपर स्पेशलिटि अस्पताल खुलवाने की मांग की प्रो. दुबे ने बताया कि लोगों की मांग पर वे ब्रह्मपुर में उच्च स्तरीय अस्पताल खुलवाने का आश्वासन दिए है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर में अस्पताल खुलवाने के लिए वे जल्दी ही सूबे के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मिलने वाले है। वही उन्होंने कहा कि यदि उन्हें प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला तो जिले में शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सभा में अस्पताल की मांग करने वालों में निमेज के सुधीर ओझा, दीपक राज वर्मा, बालाजी, संजय राज पांडेय, विकास वर्मा, सुनील ओझा, कामेश्वर ओझा, राकेश महतो, तारकेश्वर ओझा आदि ग्रामीण शामिल रहे। वही उनके साथ रामलाल दुबे, रोहित अग्रवाल, नारायणजी दुबे समेत सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे।