डुमरांव को मिलेगी गड्ढों से मुक्ति, एनएच-120 का मरम्मत कार्य शुरू
डुमरांव के टैªफिक व्यवस्था की धूरी कही जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-120 आखिरकार लंबे संघर्ष और दबाव के बाद मरम्मत की राह पर है। कई वर्षों से जगह-जगह गड्ढों और दरारों से जूझ रही यह सड़क अब नए रूप में तैयार होगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए करीब 1.30 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रारंभ कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान सबसे बड़ा कदम उठाते हुए प्रशासन ने भारी और छोटे, दोनों प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है।

-- प्रशासन ने यातायात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया, चार चेकपोस्ट से डायवर्जन लागू
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव के टैªफिक व्यवस्था की धूरी कही जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-120 आखिरकार लंबे संघर्ष और दबाव के बाद मरम्मत की राह पर है। कई वर्षों से जगह-जगह गड्ढों और दरारों से जूझ रही यह सड़क अब नए रूप में तैयार होगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए करीब 1.30 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रारंभ कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान सबसे बड़ा कदम उठाते हुए प्रशासन ने भारी और छोटे, दोनों प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
रविवार की दोपहर से ही शहर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग और सूचनात्मक पट्ट लगा दिए गए। आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल व मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। प्रशासन का कहना है कि यदि निर्माण कार्य के बीच यातायात चालू रहा तो मरम्मत बाधित होगी। इसलिए वैकल्पिक मार्ग पर ही वाहनों को डायवर्ट किया गया है।
-- खस्ताहाल सड़क बनी परेशानी का सबब
एनएच-120 की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि आए दिन जाम, दुर्घटनाएं और एंबुलेंस जैसी आपात सेवाएं तक प्रभावित हो रही थीं। बरसात में गहरे गड्ढे तालाब का रूप ले लेते थे। शहरवासियों का आक्रोश कई बार सड़कों पर उतरा। ई-रिक्शा चालक, छोटे दुकानदार और समाजसेवी संगठनों ने प्रदर्शन और धरना देकर प्रशासन पर दबाव बनाया। अंततः महीनों की लड़ाई रंग लाई और सरकार ने मरम्मत कार्य को मंजूरी दी।
-- चार प्रमुख चेकपोस्ट से डायवर्जन लागू
मरम्मत कार्य के दौरान वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला जाएगा। भारी वाहन (ट्रक, बस आदि), बक्सर से बिक्रमगंज जाने वाले वाहनों को एनएच-922 से बिहिया-जगदीशपुर होते हुए मलियाबाग की ओर डायवर्ट किया गया है। छोटे वाहन (कार, जीप, टेंपो, ट्रैक्टर आदि), डुमरांव टेढ़की पुल से कृषि विश्वविद्यालय होते हुए अंबेडकर चौक की ओर ले जाया जाएगा। एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि इसके लिए चार प्रमुख चेकपोस्ट बनाए गए हैं। यहां पर पुलिस बल और दंडाधिकारी लगातार तैनात रहेंगे ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। हालांकि कार्य की अवधि निश्चित नहीं है, लेकिन अनुमान है कि कम से कम दो माह तक मुख्य मार्ग से यातायात बंद रहेगा।
-- लोगों की जीतरू सड़क आंदोलन से बनी राह
इस सड़क का मरम्मत कार्य केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनसंघर्ष की जीत भी माना जा रहा है। ई-रिक्शा चालकों ने खराब सड़क की वजह से हुए नुकसान को लेकर लगातार प्रदर्शन किए। समाजसेवी संस्थाओं ने धरना दिया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विभागीय स्तर पर दबाव बनाया। अंततः विभाग को झुकना पड़ा और अब डुमरांव की जनता को राहत मिलने जा रही है। मरम्मत का जिम्मा सीताराम इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया है। कंपनी ने आश्वस्त किया है कि गुणवत्ता के साथ कार्य को तय समय पर पूरा किया जाएगा।
-- लोगों ने दी मिश्रित प्रतिक्रिया
सड़क बंदी को लेकर लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। व्यापारी चिंतित हैं कि ग्राहक बाजार तक नहीं पहुंच पाएंगे, जिससे कारोबार प्रभावित होगा। रिक्शा चालक व छोटे दुकानदार मानते हैं कि फिलहाल कठिनाई होगी, लेकिन नई सड़क मिलने के बाद उनका कामकाज बेहतर होगा। छात्र व दैनिक यात्री परेशान हैं कि वैकल्पिक मार्ग लंबा है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ेंगे। प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें। अधिकारियों का कहना है कि आज की असुविधा, कल की सुविधा बनेगी।
-- मरम्मत के बाद नई पहचान
एनएच-120 का महत्व केवल डुमरांव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सड़क पूरे क्षेत्र की जीवनरेखा है। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद न केवल स्थानीय लोगों की आवाजाही सुगम होगी बल्कि दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। प्रशासन का दावा है कि यह परियोजना डुमरांव को नई पहचान दिलाएगी।
डुमरांव के लोगों के लिए यह सड़क केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि संघर्ष की जीत और भविष्य की सुविधा की उम्मीद है। फिलहाल दो माह तक कठिनाइयां रहेंगी, लेकिन इसके बाद शहर को गड्ढों से मुक्त एक नई सड़क का तोहफा मिलेगा। प्रशासन और स्थानीय लोगों की संयुक्त कोशिशें डुमरांव को बेहतर आधारभूत संरचना की ओर ले जाएंगी।