रामलीला में श्रवण कुमार वध और राम जन्म की लीला का भावपूर्ण मंचन
चिरैयाकोट (मऊ)। नगर की रामलीला के दूसरे दिन बुधवार को श्रवण कुमार वध, रावण तपस्या, और राम जन्म की लीला का मंचन हुआ। लीला में दिखाया गया कि श्रवण कुमार के वध के बाद उनके पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया कि उन्हें भी एक दिन पुत्र वियोग में तड़पना पड़ेगा।
केटी न्यूज़/ मऊ
चिरैयाकोट (मऊ)। नगर की रामलीला के दूसरे दिन बुधवार को श्रवण कुमार वध, रावण तपस्या, और राम जन्म की लीला का मंचन हुआ। लीला में दिखाया गया कि श्रवण कुमार के वध के बाद उनके पिता ने राजा दशरथ को श्राप दिया कि उन्हें भी एक दिन पुत्र वियोग में तड़पना पड़ेगा। उनकी माता ने भी श्राप दिया कि जैसे उनके पति का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं, वैसे ही दशरथ की मृत्यु पर भी अंतिम संस्कार के लिए कोई मौजूद नहीं रहेगा।
इसके बाद मनु-सतरूपा की तपस्या और अयोध्या में पुत्र न होने से राजा दशरथ की चिंता का दृश्य दिखाया गया। गुरु वशिष्ठ के सुझाव पर श्रृंगी ऋषि द्वारा पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाने के बाद राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न का जन्म होता है। भगवान ब्रह्मा, विष्णु, और महेश आशीर्वाद देते हुए पुष्प वर्षा करते हैं। गुरु वशिष्ठ द्वारा चारों भाइयों का नामकरण किया जाता है और शिक्षा के लिए उन्हें गुरुकुल ले जाया जाता है।
इस रामलीला का निर्देशन अशोक कुमार 'अश्क चिरैयाकोटी' एडवोकेट ने किया, जिसमें मनोज द ग्रेट ने सहयोग दिया। प्रेमचंद मौर्य, सुभाष चंद जायसवाल, भूपेंद्र मौर्य, मदन पांडेय, सोहनलाल, संदीप वर्मा, गनेश मद्धेशिया, उमेश मद्धेशिया, और सत्य नारायण चौरसिया ने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।