महंगी कार से दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग रईसजादे का पिता गिरफ़्तार, नाबालिग पर बालिग़ का चलेगा केस

महाराष्ट्र के पुणे में एक दर्दनाक हादसे में दो लोगों की जान चली गई जब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती पोर्शे कार ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी। यह घटना 18 मई की रात करीब 2.15 बजे हुई थी।

महंगी कार से दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग रईसजादे का पिता गिरफ़्तार, नाबालिग पर बालिग़ का चलेगा केस
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में एक दर्दनाक हादसे में दो लोगों की जान चली गई जब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती पोर्शे कार ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी। यह घटना 18 मई की रात करीब 2.15 बजे हुई थी। हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि 17 साल का नाबालिग लड़का कार चला रहा था।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर नाराजगी के बीच शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, "पुणे के किशोर पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी गई है।" पुणे पुलिस का कहना है कि घटना की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। आरोपी के पिता, विशाल अग्रवाल, एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार हो गए थे। क्राइम ब्रांच ने विशाल को मंगलवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। विशाल को अब दोपहर तक पुणे लाया जाएगा।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, नाबालिग ड्राइवर कार को तय गति सीमा से अधिक रफ्तार पर चला रहा था। कार की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह हादसा पुणे के एक व्यस्त इलाके में हुआ। हादसे से कुछ समय पहले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आरोपी को पब में अपने दोस्तों के साथ 12वीं का एग्जाम पास करने की खुशी मनाते हुए देखा जा सकता है। 

 मृतकों की पहचान

इस हादसे में मध्य प्रदेश के दो आईटी पेशेवरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अश्विनी को टक्कर लगने के बाद हवा में 20 फीट ऊपर उछाल दिया गया, जबकि अनीश दूर जाकर गिरा। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज में हादसे के बाद राहगीरों को घटनास्थल की ओर भागते हुए देखा जा सकता है। कुछ वीडियो में स्थानीय लोग कार में बैठे लोगों की पिटाई करते हुए भी नजर आ रहे हैं।

कानूनी कार्यवाही

हादसे के बाद नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया गया, लेकिन किशोर न्याय बोर्ड ने उसे 15 घंटे के अंदर शर्तों के साथ जमानत दे दी। आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि कोर्ट ने कई शर्तें लगाई हैं। इन शर्तों के अनुसार, लड़के को 15 दिन के लिए यरवदा में ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा, सड़क हादसों पर एक निबंध लिखना होगा, शराब पीने की आदत का इलाज और काउंसिलिंग करानी होगी।

जमानत की शर्तें

जमानत की शर्तों में निम्नलिखित शामिल हैं:

- आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा।

- उसे साइकिएट्रिस्ट से काउंसिलिंग करवानी होगी।

- आरोपी को 'सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और इसके समाधान' विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा।

- नशा मुक्ति केंद्र में पुनर्वास करना होगा।

- ट्रैफिक नियमों की स्टडी कर उस पर किशोर न्याय बोर्ड को प्रेजेंटेशन देना होगा।

- अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है, तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी।

इस मामले में त्वरित जमानत मिलने की आलोचना हुई है। खासतौर पर जमानत की शर्तों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि इतने गंभीर अपराध के बाद इतनी जल्दी जमानत मिलना न्यायसंगत नहीं है। 

इस घटना ने नाबालिग के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद उसे सुधार के लिए कई शर्तें पूरी करनी होंगी, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या ये शर्तें पर्याप्त हैं और क्या वे उसे सही मार्ग पर ला सकती हैं। 

पुणे का यह हादसा न केवल दुखद है बल्कि समाज और न्याय प्रणाली के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। इस घटना ने सड़क सुरक्षा और नाबालिगों के ड्राइविंग जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान खींचा है। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।