डुमरांव में औद्योगिक इकाईयों व शिक्षण केन्द्रों के जनक थे स्व. महाराजा बाहादूर कमल सिंह - चंद्रविजय सिंह
महाराजा बहादूर कमल सिंह डुमरांव में औद्योगिक इकाईयों के जनक थे, उन्होंने अपने जीवन काल में जन कल्याण के उदेश्य से कई स्कूलों व अस्पतालों का निर्माण करवाया था। आज भी उनके समय के बनवाए गए स्कूल व अस्पताल मौजूद है। उक्त बातें राज परिवार के चंद्रविजय सिंह ने रविवार को राज अस्पताल परिसर में कही। अवसर था स्व. महाराजा बहादूर के पूण्यतिथि समारोह का।
- डुमरांव में मनाई गई प्रथम लोकसभा के सदस्य सह डुमरांव के पूर्व महराज की पूण्यतिथि, वक्ताओं ने व्यक्तित्व व कृतित्व पर डाला प्रकाश
केटी न्यूज/डुमरांव
महाराजा बहादूर कमल सिंह डुमरांव में औद्योगिक इकाईयों के जनक थे, उन्होंने अपने जीवन काल में जन कल्याण के उदेश्य से कई स्कूलों व अस्पतालों का निर्माण करवाया था। आज भी उनके समय के बनवाए गए स्कूल व अस्पताल मौजूद है। उक्त बातें राज परिवार के चंद्रविजय सिंह ने रविवार को राज अस्पताल परिसर में कही। अवसर था स्व. महाराजा बहादूर के पूण्यतिथि समारोह का।
राज अस्पताल मे प्रथम लोक सभा के सदस्य रहे व डुमरांव रियासत के महाराजा स्व. कमल सिंह की पूण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रविजय सिंह ने किया। इस दौरान उनके तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।पूण्यतिथि समारोह को संबोधित करते हुए राज परिवार के शिवांग विजय सिंह ने कहा कि उनके दादा आजीवन जन कल्याण के कार्यों से जुड़े रहे। उनका एक विजन था, विकसित व समृद्ध डुमरांव बनाने का। इस उदेश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने डुमरांव में सूत मिल की नींव रखी थी, जो सूबे बिहार का पहला टेक्सटाईल इंडस्ट्रीज था।
इसके अलावे उन्होने कोल्ड स्टोरेज सहित कई छोटे बड़े उद्योगों की स्थापना कर हजारों लोगों को रोजगार दिए थे। उन्होंने डुमरांव के अलावे बक्सर, आरा सहित कई अन्य जगहों पर भी शैक्षणिक संस्थानों के लिए जमीन दान किये थे। खासकर डुमरांव में बना महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय उनके दूरदर्शी सोंच का परिणाम है। यह स्कूल नारी शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव वाला साबित हुआ है। वही राज अस्पताल दशकों तक अनुमंडल के गरीब मरीजों के लिए वरदान बना रहा। आज भी इस अस्पताल में बहुत कम पैसे में मरीजों का इलाज होता है।
वही, अपने संबोधन में नगर परिषद के चेयरमैन प्रतिनिधि सुमित गुप्ता ने कहा कि महाराजा बहादूर स्व. कमल सिंह एक कुशल प्रशासक, नेक दिल इंसान, विकास की सोंच रखने वाले तथा सबसे बढ़कर डुमरांव के अभिभावक थे। वे हमेशा शहरवासियों को अच्छा करने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने कहा कि उनके निधन से जो क्षति पहुंची थी, उसकी भारपाई आजतक नहीं हो पाई है। सुमित ने कहा कि 80 के दशक में जब पूरे बिहार में उद्योग का कोई कंसेप्ट नहीं था तब उन्होंने सूत मिल की नींव रखी थी
तथा वर्षों तक यह मिल हजारों लोगों को रोजगार दे रहा था। उन्होंने कहा कि डुमरांव के विकास में राज परिवार खासकर स्व. महाराजा कमल बहादूर सिंह के योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता रिंकू पांडेय, राजन तिवारी, अजगैबी समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।