मानवता शर्मसार: अपने घर में रहने के लिए एक बेटी को लेना पड़ा कोर्ट व पुलिस की सहायता
- पति की बेवफाई के बाद मायके में पनाह देने को तैयार नहीं था सौतेला भाई
- कहानी डुमरांव के गौशाला रोड निवासी है निशा
केटी न्यूज/डुमरांव
कहते है जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से आती है। यह कहानी है डुमरांव के गौशाला रोड निवासी निशा की। पहले बेवफा पति ने दूसरी शादी कर उसे घर से निकाल दिया और बाद में सौतेला भाई भी मायके वाले घर में पनाह नहीं दे रहा था। ऐसे में पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की शरण लेनी पड़ी। प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला जज धर्मेन्द्र तिवारी ने उसकी व्यथा को सुन पैनल अधिवक्ता किरण कुमारी सिंह और पीएलवी ओमप्रकाश सिंह को डुमरांव थाना में जाकर पीड़िता तथा उसके भाई के बीच सुलह समझौता करवाने का आदेश दिया। समझौता नहीं होने की स्थिति में भाई पर एफआईआर दर्ज कराने को कहा था। शनिवार को दोनों पैनल अधिवक्ता डुमरांव थाना पहुंचे जहां निशा के सौतेले भाई गौशाला रोड निवासी विजय कुमार पिता स्व रंगीलाल प्रसाद को बुलवा समझौता करवाया गया। इसके बाद उसे अपने मायके के घर में प्रवेश मिला। शहर में इस घटना की चर्चा पूरे दिन होते रही।
15 दिन रहने का हुआ है समझौता
पैनल अधिवक्ताओं तथा पुलिस के समक्ष विजय ने जो समझौता किया है उसके अनुसार व निशा देवी को अपने घर में 15 दिनों तक रखेगा। इस दौरान उसे खाना पीना देगा। समझौते में इस बात का भी जिक्र हुआ है कि न तो वह और न ही उसकी पत्नी निशा को किसी प्रकार की दिक्कत और परेशानी नहीं देंगे। मारपीट या गाली गलौज भी नहीं करेंगे। समझौते में अंकित बातें किसी भी भाई के लिए शर्मनाक हो सकती है। वह भी तब जब बहन पर पहले से ही संकट आ खड़ा हुआ है। पति की बेवफाई से दर-दर की ठोकरे खा रही बहन की मदद के बजाय वह उसे घर में पनाह तक नहीं दे रहा है।
चौसा के न्यायिपुर में हुआ है निशा की शादी
जानकारी के अनुसार निशा की शादी मुफ्स्सिल थाना क्षेत्र के न्यायिपुर गांव के परमा खरवार के साथ हुआ है। उसे दो बच्चें भी है। लेकिन उसका पति बेवफा निकला है। वह दूसरी शादी कर निशा को घर से भगा चुका है। हालांकि निशा के दोनों बच्चें न्यायिपुर में ही है। निशा ने इस संबंध में कोर्ट में परिवाद दायर किया है।
कहते है पैनल अधिवक्ता
पैनल अधिवक्ता ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि अपर जिला जह सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर धर्मेन्द्र तिवारी के आदेश पर डुमरांव थाना पहुंच निशा और उसके भाई के बीच 15 दिनों तक घर में रखने के लिए समझौता कराया गया है। उन्होंने कहा कि 15 दिनों के बाद निशा अपने मायके से चली जाएगी।