एसडीओ कोर्ट में वकीलों और अधिकारी के बीच विवाद, दोनों पक्षों ने लगाए आरोप

सदर एसडीओ कोर्ट गुरुवार को उस समय चर्चा का केंद्र बन गया, जब वकीलों और एसडीओ के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। इस घटना के बाद अधिवक्ता संघ और एसडीओ दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब 14 सितंबर को जेल भेजे गए एक व्यक्ति के जमानत आवेदन को लेकर विवाद खड़ा हुआ। अधिवक्ताओं का कहना है कि जमानतदारों की रसीद सही थी, लेकिन एसडीओ ने उसे क्लोन बताकर आपत्ति दर्ज की और कहा कि संबंधित सीओ से जांच के बाद ही जमानत दी जाएगी। इसी बिंदु पर वकीलों और एसडीओ के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

एसडीओ कोर्ट में वकीलों और अधिकारी के बीच विवाद, दोनों पक्षों ने लगाए आरोप

-- अधिवक्ता संघ ने किया बहिष्कार का ऐलान, एसडीओ ने वकीलों पर लगाया दबाव बनाने का आरोप

केटी न्यूज/बक्सर

सदर एसडीओ कोर्ट गुरुवार को उस समय चर्चा का केंद्र बन गया, जब वकीलों और एसडीओ के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। इस घटना के बाद अधिवक्ता संघ और एसडीओ दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब 14 सितंबर को जेल भेजे गए एक व्यक्ति के जमानत आवेदन को लेकर विवाद खड़ा हुआ। अधिवक्ताओं का कहना है कि जमानतदारों की रसीद सही थी, लेकिन एसडीओ ने उसे क्लोन बताकर आपत्ति दर्ज की और कहा कि संबंधित सीओ से जांच के बाद ही जमानत दी जाएगी। इसी बिंदु पर वकीलों और एसडीओ के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

अधिवक्ताओं का आरोप है कि सदर एसडीओ अविनाश कुमार ने न केवल अपशब्द कहे, बल्कि मारपीट भी की। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा ने बताया कि यह पहली बार नहीं है, एसडीओ लगातार अधिवक्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वकीलों ने एसडीओ के साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की, बल्कि उल्टा उनके साथ ही दुर्व्यवहार किया गया। संघ ने इस विवाद के बाद एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत तय किया गया है कि कोई भी अधिवक्ता फिलहाल एसडीओ कोर्ट में पेशी नहीं करेगा।

हालांकि, इस विवाद का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें अधिवक्ता एसडीएम के बॉडीगार्ड से हाथापाई करते दिखाई दे रहे है। केशव टाइम्स इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह वीडियो इस बात का प्रमाण है कि एसडीओ कार्यालय में कैसे कानून को हाथ में लिया गया है। बहरहाल कचहरी, कलेक्ट्रेट के अलावे पूरे शहर में इस बात की चर्चा दिनभर होते रही। 

फिलहाल मामला अधिवक्ता संघ और एसडीओ के बीच तनातनी का रूप ले चुका है। जहां वकील न्यायिक कार्य बहिष्कार की तैयारी में हैं, वहीं एसडीओ का कहना है कि वे किसी भी दबाव में काम नहीं करेंगे और कानून के मुताबिक ही कार्रवाई करेंगे। इस पूरे विवाद ने बक्सर जिले में प्रशासनिक और न्यायिक माहौल को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि इस टकराव का समाधान प्रशासनिक स्तर पर कैसे किया जाता है और दोनों पक्षों के बीच तनाव कब तक कम होता है।

बयान

हाल ही में वेलफेयर टिकट में लगभग पचास हजार रुपये की चोरी का मामला पकड़ा था और इसकी जानकारी अधिवक्ता संघ के सचिव को दी थी। इसके अलावा, उनके अनुसार, कुछ दिनों पहले एक अधिवक्ता ने महिला लीगल एडवाइजर के साथ बदसलूकी की थी, जो मामला थाने तक गया। बाद में समझौते के चलते प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।

यहां प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता जमीन से जुड़े मामलों में बिना जांच रिपोर्ट के ही धारा-144 लगाने का दबाव बनाते हैं। विवाद के दौरान वकीलों ने मेरा दो मोबाइल फोन भी छीन लिए थे। - अविनाश कुमार, सदर एसडीओ, बक्सर