महिला महाविद्यालय में 'भोजपुरी लोक संस्कृति' पर व्याख्यान, लोक संस्कृति के संरक्षण पर जोर

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कल्चरल क्लब द्वारा 'भोजपुरी में लोक संस्कृति: परिचय और महत्त्व' विषय पर प्रोफेसर राम नारायण तिवारी का व्याख्यान आयोजित किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भोजपुरी संस्कृति एक सामाजिक संस्कृति है ।

महिला महाविद्यालय में 'भोजपुरी लोक संस्कृति' पर व्याख्यान, लोक संस्कृति के संरक्षण पर जोर

केटी न्यूज़/ गाजीपुर

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कल्चरल क्लब द्वारा 'भोजपुरी में लोक संस्कृति: परिचय और महत्त्व' विषय पर प्रोफेसर राम नारायण तिवारी का व्याख्यान आयोजित किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भोजपुरी संस्कृति एक सामाजिक संस्कृति है और यह भारतीय लोक शास्त्र का विरोधी नहीं, बल्कि उसका पूरक है। जब-जब शास्त्र स्थिर हुआ, तब-तब लोक ने उसे नई गति दी। संस्कृति लोक और शास्त्र के बीच प्रवाहमान है। जैसे शास्त्र ने मंत्रों की रचना की, वैसे ही लोक ने गीतों की। इसका सबसे अच्छा उदाहरण हमारे यहां के विवाह समारोह हैं, जहां पंडित मंत्र पढ़ते हैं और औरतें गीत गाती हैं। 

उन्होंने बताया कि हमारी लोक संस्कृति प्रकृति से जुड़ी है, जहां धरती, आकाश, नदी, पेड़-पौधों के साथ पारिवारिक रिश्ता देखा जाता है। यही वसुधैव कुटुंबकम की भावना को दर्शाता है, जहां सबको अपना माना जाता है।

इस अवसर पर बीए प्रथम वर्ष की छात्रा खुशबू ने 'जागा हिंद ललनवा' बिरहा गीत प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर छात्राओं ने खूब तालियां बजाईं। पूनम यादव ने अपने घर में गाए जाने वाले भजन 'माई बाबू से बढ़ी के ई दुनिया में का बा' का पाठ किया, जबकि आफरीन ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की।

कल्चरल क्लब प्रभारी डॉ. निरंजन कुमार यादव ने कहा कि जब तक हम अपनी संस्कृति को समझेंगे नहीं, तब तक उसकी दिशा में कोई ठोस काम नहीं हो सकता। प्राचार्य प्रो. अनीता कुमारी ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से बचने के लिए लोक संस्कृति का संरक्षण बहुत जरूरी है। इस कार्यक्रम में डॉ. विकास सिंह, डॉ. अमित यादव और कल्चरल क्लब के सभी सदस्य मौजूद रहे।