सावन की पहली सोमवारी पर शिवमय बना बक्सर, शिवालयों में गूजता रहा हर हर महादेव, व बोल बम के नारे

सावन की पहली सोमवारी पर जिले के प्रमुख शिवालयों में शुमार ब्रह्मेश्वरनाथ और रामेश्वरनाथ मंदिरों में श्रद्धालुओं का आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। गंगा जल से जलाभिषेक करने के लिए हजारों कांवरिए और स्थानीय श्रद्धालु तड़के तीन बजे से ही मंदिर परिसर में जुटने लगे। ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के गगनभेदी नारों से पूरा इलाका शिवमय हो गया।

सावन की पहली सोमवारी पर शिवमय बना बक्सर, शिवालयों में गूजता रहा हर हर महादेव, व बोल बम के नारे

-- ब्रह्मेश्वरनाथ और रामेश्वरनाथ मंदिर रहा आस्था का केन्द्र, 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान

-- ग्रामीण क्षेत्र के शिवमंदिरों में भी उमडे़ रहे श्रद्धालु

-- पूरी रात एनएच 922 पर गूंजता रहा बोल बम का जयघोष, चप्पे-चप्पे पर मुश्तैद रहा प्रशासन

केटी न्यूज/बक्सर

सावन की पहली सोमवारी पर जिले के प्रमुख शिवालयों में शुमार ब्रह्मेश्वरनाथ और रामेश्वरनाथ मंदिरों में श्रद्धालुओं का आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। गंगा जल से जलाभिषेक करने के लिए हजारों कांवरिए और स्थानीय श्रद्धालु तड़के तीन बजे से ही मंदिर परिसर में जुटने लगे। ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के गगनभेदी नारों से पूरा इलाका शिवमय हो गया।

ब्रह्मेश्वरनाथ व रामेश्वरनाथ के अलावे बक्सर के नाथ बाबा शिव मंदिर, इटाढ़ी के सोखाधाम, डुमरांव के जंगलीनाथ, महरौरा व लंगटू महादेव शिव मंदिरों के अलावे कचईनियां स्थित कंचनेश्वर धाम, मुंगाव स्थित मुंगेश्वरनाथ आदि शिवमंदिरों में दोपहर तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों द्वारा लगाए जा रहे जयघोष से से इलाका शिवमय बना रहा। वहीं, एनएच 922 पर पूरी रात बोल बम के नारे गूंजते रहे।

-- 40 किलोमीटर पदयात्रा कर ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

बता दें कि सावन के प्रत्येक सोमवार पर शिवभक्त बक्सर स्थित रामरेखा घाट पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल लेकर पैदल 40 किलोमीटर दूर बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ को जलाभिषेक करने जाते है। सावन के पहले सोमवारी पर ब्रह्मेश्वरनाथ शिव मंदिर में अहले सुबह से ही करीब 500 मीटर लंबी कतार लग गई थी। बक्सर, रोहतास, कैमूर तथा यूपी के सीमावर्ती बलिया व गाजीपुर जिलों से आए कांवरिए रामरेखा घाट से गंगाजल भरकर करीब 40 किलोमीटर की पदयात्रा कर बाबा के दरबार में जल चढ़ाने पहुंचे। एक अनुमान के मुताबिक पहली सोमवारी पर करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ को जलाभिषेक किया है। 

-- मनोकामना महादेव कहलाते हैं बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ

ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर को मनोकामना महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। मंदिर को फूलों, रंग-बिरंगी लाइटों और पारंपरिक सजावट से दुल्हन की तरह सजाया गया है। पूरा वातावरण भक्तिभाव से सराबोर हो गया है।

-- चाक-चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था, बनाए गए थे बैरेकेडिंग

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम किए थे। मंदिर परिसर और मुख्य रास्तों पर गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। निर्धारित जगहों पर बैरेकेडिंग लगाने के साथ ही ब्रह्मपुर के सभी निकास द्वार पर ड्राप गेट बनाए गए थे। इसके आगे वाहनों को ले जाने की अनुमति नहीं थी।

प्रशासन द्वारा यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए थे। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस बल, होमगार्ड, दंडाधिकारी व महिला सिपाहियों की तैनाती की गई थी। ताकि, श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

-- रामेश्वरनाथ मंदिर में भी शिवभक्ति की गूंज

बक्सर नगर क्षेत्र स्थित रामरेखा घाट के पास रामेश्वरनाथ मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यहां की मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने इस शिवलिंग की स्थापना अपने हाथों से की थी, इसी कारण यह स्थान रामेश्वरनाथ कहलाता है। भक्त गंगा स्नान के बाद जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक में पूजा को लेकर भारी उत्साह दिखा।

-- रामरेखा घाट पर रात से ही जुटने लगे थे श्रद्धालु

रविवार की देर शाम से ही रामरेखा घाट पर गंगाजल लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। उत्तरवाहिनी गंगा के तट से जल भरकर श्रद्धालु ‘हर-हर गंगे’ और ‘बोल बम’ के नारों के साथ कांवर यात्रा पर निकल पड़े। युवा भक्त भक्ति गीतों की धुन पर झूमते-गाते मंदिर की ओर बढ़ते दिखे। रामरेखा घाट पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। 

-- भक्तों से गुलजार रहा जंगलीनाथ शिवमंदि

सावन के पहले सोमवार पर डुमरांव के पूर्वी छोर पर स्थित जंगलीनाथ शिवमंदिर भी भक्तों से गुलजार रहा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस मंदिर में जलाभिषेक कर मत्था टेका तथा देवाधिदेव महादेव को जल, दूध, दूब, भांग, मंदार पुष्प, शमी पत्र, बेल पत्र, भस्म आदि अर्पण कर पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते अहले सुबह से दोपहर तक जंगलीनाथ जाने वाले मार्ग पर भीड़ लगी रही।