ददरी मेले में 21 नवंबर को दंगल प्रतियोगिता, 'जिला केशरी' के खिताब के लिए पहलवानों का मुकाबला
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के नाम अभी तय नहीं हुए हैं। दंगल प्रतियोगिता देखने के लिए न केवल जनपद बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में आते हैं।
केटी न्यूज़/ बलिया
बलिया।ऐतिहासिक ददरी मेले के भारतेंदु मंच पर इस साल भी 21 नवंबर को दोपहर 1 बजे से दंगल प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसमें जनपद के विभिन्न हिस्सों से पहलवान आकर अपनी ताकत और कौशल का प्रदर्शन करेंगे। जो भी पहलवान इस प्रतियोगिता को जीतेगा, उसे "जिला केशरी" का खिताब दिया जाएगा।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के नाम अभी तय नहीं हुए हैं। दंगल प्रतियोगिता देखने के लिए न केवल जनपद बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में आते हैं। पहले यह कुश्ती मिट्टी के अखाड़े पर होती थी, लेकिन पिछले 5-6 सालों से गद्दों पर कराई जा रही है।
निर्णायक मंडल अंक के आधार पर विजेता का फैसला करता है। हालांकि, बुजुर्ग पहलवानों का मानना है कि मिट्टी की कुश्ती पहलवानों को अधिक ताकत देती थी। उस मिट्टी में हल्दी और सरसों का तेल मिलाया जाता था, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता था। अब कुश्ती गद्दों पर और अंकों के आधार पर हो रही है, जो गांवों से लेकर बड़े शहरों और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक प्रचलित है।