दुलर्भ ब्लैक बग के संरक्षण के लिए नावानगर में खुलेगा रेस्क्यू सेंटर - डॉ. सुनील कुमार
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने गुरूवार को बक्सर एवं भोजपुर जिलों के भ्रमण के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कई महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत भोजपुर वन प्रमंडल द्वारा नहर तट, पथ तट एवं शहरी वानिकी कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 86,500 पौधों का रोपण कराया जाएगा है।

- बक्सर और भोजपुर में हरियाली, इको-पर्यटन और जैव विविधता संरक्षण को मिलेगा नया आयाम
केटी न्यूज/बक्सर
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने गुरूवार को बक्सर एवं भोजपुर जिलों के भ्रमण के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कई महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत भोजपुर वन प्रमंडल द्वारा नहर तट, पथ तट एवं शहरी वानिकी कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 86,500 पौधों का रोपण कराया जाएगा है।
उन्होंने बताया कि वन्य प्राणियों के संरक्षण की दिशा में भी अहम पहल की जा रही है। बक्सर जिले के नावानगर में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जा रही है, जो विशेषकर दुर्लभ कृष्ण मृग सहित अन्य वन्यजीवों के उपचार और सुरक्षा के लिए समर्पित होगा। वहीं, आर्द्रभूमियों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बक्सर के गोकुल जलाशय और भोजपुर के नथमलपुर भांगड जलाशय का विकास एवं संरक्षण प्रस्तावित है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बक्सर के कमलदह पोखरा पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है। आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में भोजपुर स्थित वीर कुंवर सिंह पार्क के विकास कार्य की योजना है। इसके साथ ही बक्सर में मृत सोन कैनाल पर ‘गायत्री मंत्र’ थीम पर आधारित पार्क एवं रिवरफ्रंट के विकास के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि आरा मुख्य नहर और बहियारा मौजा में सोन जैव विविधता पार्क तथा रिवरफ्रंट परियोजना का भी अनुश्रवण किया जा रहा है। डॉ. कुमार ने दोहराया कि राज्य सरकार हरित आवरण बढ़ाने, जैव विविधता और आर्द्रभूमियों के संरक्षण, तथा आम जनता के लिए इको-पर्यटन सुविधाओं के विकास हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है।