लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में मीडिया की भूमिका सबसे अहम : सिविल सर्जन

लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में मीडिया की भूमिका सबसे अहम : सिविल सर्जन

- एमडीए-2024 को लेकर विद्या भवन सभागार में मीडिया कर्मियों का हुआ उन्मुखीकरण

- कार्यशाला में मीडिया कर्मियों को दी गई फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी

- 10 अगस्त को जिला पदाधिकारी एसबी कॉलेज, आरा से फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करेंगे एमडीए की शुरुआत

केटी न्यूज/आरा

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए-2024) का आयोजन किया जाने वाला है। जिसको लेकर जिला पदाधिकारी राज कुमार व उप विकास आयुक्त विक्रम वीरकर के निर्देशन में शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित विद्या भवन सभागार में जिले के पत्रकारों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने की। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों को फाइलेरिया और एमडीए राउंड को लेकर की जाने वाली तैयारियों और इसके प्रभाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

सिविल सर्जन ने बताया कि इस बार एमडीए की शुरुआत आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर लाभुकों को दवाओं का सेवन करा कर किया जाना निर्धारित किया गया है। 17 दिवसीय इस अभियान के तहत शुरुआत के 14 दिनों तक घर-घर जाकर लोगों को दवाओं का सेवन कराया जाएगा। जिसके बाद तीन दिनों तक स्वास्थ्य संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ-साथ  सरकारी व निजी संस्थानों में बूथ लगाकर दवाओं का सेवन करायी जाएगी।

जिसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में जिले के पत्रकार बंधुओं की भूमका सबसे अहम रहेगी। जिनके माध्यम से लोगों तक यह सूचना पहुंचे कि फाइलेरिया से बचना है तो फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन जरूरी है। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को जिला पदाधिकारी एसबी कॉलेज आरा से फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।

खाली पेट फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कभी न करें 

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है। कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने बताया कि आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें। कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं। आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं

जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है। फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने मीडिया से अपील भी की।  इस क्रम में मीडिया कर्मियों और पत्रकारों को प्रोजेक्टर पर पीपीटी दिखाकर बीमारी व इसके बचाव के साथ अन्य तैयारियों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।

लोगों की दी जाएगी डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियां 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि इस अभियान में डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ताकि, लाभुकों को दवाओं का उचित डाेज दिया जा सके। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है।

अभियान को सफ़ल बनाने एवं जीविका एवं शिक्षा विभाग के साथ पिरामल फाउंडेशन, पीसीआई, सीएफएआर व अन्य सहयोगी संस्थानों की भूमिका भी सराीनीय है। उन्होंने जिले के सभी लोगों से अपील किया कि सभी यह सुनश्चित करेंगे कि अभियान में दवा का सेवन शत-प्रतिशत हो। ताकि, फाइलेरिया को जड़ से खत्म किया जा सके। कार्यशाला का समापन सीएफएआर की जिला समन्वयक जुलेखा फातमा ने सभी अधिकारियों और मीडिया बंधुओं का धन्यवाद ज्ञापन कर किया।

मौके पर पिरामल फाउंडेशन के पटना एसपीएम अंशु कुमार राय, भोजपुर एसपीएम सोमनाथ ओझा, पीसीआई इंडिया के भोजपुर डीएमसी रणवीर पटेल, भोजपुर एनआईसी डीईओ सुनील कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के वीबीडीसीओ अजीत कुमार पटेल व अनुज कुमार, डब्ल्यूएचओ के नीरज कुमार, सीएफएआर के एडीसी अमित सिंह व मीडिया बंधु शामिल हुए।