तेज होगा चौसा के किसानों का आंदोलन, समाहरणालय का घेराव कर दी चेतावनी

देशभर में नौ अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को बिहार राज्य किसान सभा के तत्वावधान में जिले के किसानों द्वारा 17 सूत्री मांगों को लेकर बक्सर समाहराणलय के घेराव किया गया। इससे पहले बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह के नेतृत्व में जुलूस निकाली गई। जो अंबेडकर चौक होते हुए कचहरी के रास्ते जिला समाहरणालय पहुंचा। जिला समाहरणालय के पास आयोजित एक सभा का आयोजन किया गया।

तेज होगा चौसा के किसानों का आंदोलन, समाहरणालय का घेराव कर दी चेतावनी

- किसानों के घर में घुस जुल्म करने वाले पुलिसकर्मियों व प्रशासनिक अधिकारियों पर हो कार्रवाई 

- चौसा के आंदोलनकारी किसानों को न्याय मिले नही तो चुप नहीं बैठेंगे

केटी न्यूूज/बक्सर

देशभर में नौ अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को बिहार राज्य किसान सभा के तत्वावधान में जिले के किसानों द्वारा 17 सूत्री मांगों को लेकर बक्सर समाहराणलय के घेराव किया गया। इससे पहले बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह के नेतृत्व में जुलूस निकाली गई। जो अंबेडकर चौक होते हुए कचहरी के रास्ते जिला समाहरणालय पहुंचा। जिला समाहरणालय के पास आयोजित एक सभा का आयोजन किया गया।

यह तो सिर्फ झांकी है, आंदोलन अभी बाकी है

सभा मे किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि यह तो सिर्फ झांकी है, किसानों का आंदोलन अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि आज तो सिर्फ महाभारत मे जिस तरह से कृष्ण ने युद्ध टालने के लिए पांच गांव की मांग लेकर गए थे, उसी तरह आज हम अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर हुक्मरान को देने आए हैं। यदि हमारी मांगे नहीं सुनी गई और इसकी पूर्ति नहीं हुई तो हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।

इसके लिए गांव-गांव में किसानों को एकजुट करने के लिए किसान चौपाल लगाएंगे। उन्होंने कहा कि 20 मार्च को जो कुछ जिला प्रशासन के नेतृत्व में चौसा में हुआ, उससे मानवता शर्मसार हुई है। बनारपुर, कोचाढ़ी और मोहनपुरवा की घटना की न्यायिक जांच और दोषी को जबतक सजा नहीं मिलेगी तबतक किसान चैन से नहीं सोएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों पर से झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए। रेलवे कॉरिडोर पाइपलाईन और एन एच 319 ए में कम से कम जमीन लिया जाए। इस तरह का रूट बनाया जाए।

साथ ही वर्तमान बाजार दर से चार गुणा जमीन का मुआवजा तथा परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी की गारंटी हो। उन्होंने कहा कि ज्यादा झूठ बोलने वालों का यदि विश्व में कोई ओलंपिक किया जाए, तो मोदी जी गोल्ड मेडल लेकर के भारत आएंगे। किसानों के साथ जो कुछ लिखित समझौता किया गया। उसे आज तक पूरा नहीं किया गया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की मोदी गारंटी आज तक पूरा नहीं हो सका। संसद में किसान विरोधी पेश बजट के बदले, अलग से कृषि बजट संसद में पेश हो और पूरे बजट का 30 प्रतिशत कृषि पर खर्च हो। 

सभा को किसान नेता केदार सिंह, अजय मिश्रा, नरेंद्र मोहन सिंह, ज्योतिश्वर सिंह, छात्र नेता क्षितिज कुमार और राहुल ठाकुर ने भी संबोधित किया। पांच सदस्यी प्रतिनिधिमंडल में अशोक प्रसाद सिंह, सुरेंद्र सिंह, शैलेश राय, केदार सिंह और अनिल तिवारी ने जिला समाहर्ता के प्रतिनिधि उपसमाहर्ता अनुपम सिंह को स्मार-पत्र सौंपा। जिनके द्वारा सहानुभूति पूर्वक मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। 

क्या है मामाला

चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट तथा इसके लिए रेल कारिडोर व वाटर पाइप लाईन बिछाने केे लिए किसानों की जो जमीन अधिगृहित की गई है, उसका उचित मुआवजा नहीं मिला है। जिस कारण किसान पिछले दो साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है।

हर दिन किसान शांतिपूर्ण धरना देते है। इस दौरान दो बार पुलिस से आंदोलनकारी किसानों का टकराव हो चुका है। पिछले मार्च में भी पुलिस ने आंदोलन को दबाने के लिए बनारपुर, कोचाढ़ी और मोहनपुरवा गांव में घुस किसानों के परिजनों की बेरहमी से पिटाई की थी। बावजूद किसानों का आंदोलन नहीं थमा।

इस मामले की सुनवाई लारा कोर्ट में भी हो रही है। इसके अलावे कई बार जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप कर विवाद सुलझाने का प्रयास किया था। लेकिन, किसान अपनी मांगों पर डटे रहे। जिस कारण उनका आंदोलन थमा नहीं। किसानों ने अपने आंदोलन को धार देने के लिए समाहरणालय का घेराव कर जिला प्रशासन को चेतावनी दे दी है।