विद्यार्थियों में देशभक्ति, अनुशासन और समर्पण की भावना जगाने के लिए प्रतिबद्ध रहें शिक्षक - चंदन मिश्र

डुमरांव स्थित सभापति मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशनल एवं अनंतविजयम एकेडमी परिसर शनिवार को देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया। अवसर था कारगिल विजय दिवस का, जिसे देश की सैन्य विजय और शौर्यगाथा के प्रतीक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में कारगिल युद्ध में अपनी भूमिका निभा चुके पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सूबेदार मेजर रामनाथ सिंह ने की।

विद्यार्थियों में देशभक्ति, अनुशासन और समर्पण की भावना जगाने के लिए प्रतिबद्ध रहें शिक्षक - चंदन मिश्र

-- सभापति मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशनल एवं अनंतविजयम एकेडमी परिसर में आयोजित हुआ था समारोह

-- कारगिल विजय दिवस, पूर्व सैनिकों को मिला गौरवपूर्ण सम्मान, नई पीढ़ी को मिला देशसेवा का संदेश

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव स्थित सभापति मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशनल एवं अनंतविजयम एकेडमी परिसर शनिवार को देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया। अवसर था कारगिल विजय दिवस का, जिसे देश की सैन्य विजय और शौर्यगाथा के प्रतीक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में कारगिल युद्ध में अपनी भूमिका निभा चुके पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सूबेदार मेजर रामनाथ सिंह ने की।

समारोह की शुरुआत पूर्व सैनिकों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगान के साथ किया गया। मंच पर मौजूद विशिष्ट अतिथियों ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अनंतविजयम एकेडमी के प्रेसिडेंट चंदन कुमार मिश्र ने सभी पूर्व सैनिकों को अंग वस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।

इस दौरान पूर्व सूबेदार मेजर रामनाथ सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। ऑपरेशन विजय के माध्यम से भारतीय सेना ने दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में दुश्मनों को परास्त कर यह साबित कर दिया कि भारतीय जवानों का साहस और समर्पण किसी भी परिस्थिति में अद्वितीय है।

समारोह के दौरान कई पूर्व सैनिकों ने अपने युद्धकाल के अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे कठिन परिस्थितियों में उन्होंने मातृभूमि की रक्षा की। उनकी प्रेरक गाथाओं ने उपस्थित जनसमूह विशेषकर युवा शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को गहरे रूप से प्रभावित किया।

कार्यक्रम में बोलते हुए प्रेसिडेंट चन्दन कुमार मिश्र ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे आने वाली पीढ़ी को “राष्ट्र सर्वप्रथम” की भावना से ओत-प्रोत करें। उन्होंने सभी प्रशिक्षु शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों में देशभक्ति, अनुशासन और समर्पण की भावना विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध रहें।

देशसेवा के इस भाव को और गहरा करने के लिए पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में भी पहल की गई। समारोह में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को पौधे भेंट किए गए, ताकि वे अपने परिवेश को हरित बनाकर देशहित में योगदान दें।

इस आयोजन में बिहार राज्य पूर्व सैनिक संघ बक्सर के सूबेदार मेजर रामनाथ सिंह, डुमरांव अनुमंडल सैनिक संघ के अध्यक्ष सूबेदार मेजर हरिशंकर सिंह (सेना मेडल), जूनियर वारंट अधिकारी जय प्रकाश प्रसाद, सूबेदार मेजर सुरेन्द्र सिंह, नैब सूबेदार राजबली सिंह, कैप्टन ललन मिश्र, कैप्टन ददन प्रसाद सिंह, सूबेदार ललन तिवारी, हवलदार रमाकांत सिंह सहित दर्जनों पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष के साथ हुआ।