छह सूत्री मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किया समाहरणालय पर विरोध प्रदर्शन

चौसा के आंदोलनकारी किसानों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर एक आक्रोश मार्च निकाला। यह आक्रोश मार्च किला मैदान से शुरू हो समाहरणालय परिसर तक गया।

छह सूत्री मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने किया समाहरणालय पर विरोध प्रदर्शन

- चौसा के आंदोलनकारी किसानों पर लगातार राज्य दमन व अधिगृहित जमीन के उचित मुआवजा की हुई मांग

केटी न्यूज/बक्सर

चौसा के आंदोलनकारी किसानों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर एक आक्रोश मार्च निकाला। यह आक्रोश मार्च किला मैदान से शुरू हो समाहरणालय परिसर तक गया। जहां किसानों तथा खेतिहर मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन किया तथा डीडीसी डॉ. महेन्द्र पाल को अपना मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट के भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा व चौसा बर्बर पुलिस दमन कांड आदि छह सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने समाहरणालय गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

इस विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल व डुमराव विधायक समेत अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संघ व कई किसान नेता शामिल रहे। इससे पहले किला मैदान में जुटे हजारों की संख्या में किसानों ने समाहरणालय तक रैली निकाली गई और साथ में सरकार व किसानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ नारे लगाए गए। जहां समाहरणालय गेट पर किसानों ने सभा की जिसमें शामिल नेताओं ने चौसा में किसानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ कंपनी व प्रशासन पर भड़ास निकाली। राष्ट्रीय किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में हम किसान केंद्र सरकार को झुकाने का काम किया उसी तरह यहा की सरकार को भी हम उखाड़ फेंकेंगे। जिस दिन संयुक्त मोर्चा चौसा आंदोलन को तय कर लेगी, उस दिन हम पटना को घर लेंगे व नीतीश कुमार को उखाड़ फेकेंगे।

वही, अन्य किसान नेताओ व विधायक अजीत कुशवाहा चौसा के किसानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। कहा गया चौसा के किसानों को न्याय मिलना चाहिए। और उनकी मांगों को मानी जानी चाहिए। बता दे कि चौसा में हुए बर्बर पुलिस दमन कांड की उच्च स्तरीय जांच, व तमाम प्रशासनिक अधिकारियों व दोषियों को दंडित किया जाना। उक्त दमन कांड में फर्जी मामले दायर कर जेल में बंद करना, दायर मामले को वापस लेना, किसानों की जान माल की क्षति के लिए अविलम्ब समुचित मुआवजा दिया जाए। कैग की रिपोर्ट में उक्त भूमि अधिग्रहण के मामले में जिले के जिन अधिकारियों पर घोटाले की ओर उंगली उठाई गई है, उनको तत्काल निलंबित किया जाय। बिहार में पुनर्वास और पुनर्स्थापना को लेकर स्पष्ट नीति दिखलाना आदि छह सूत्री मांगों भरी ज्ञापन डीडीसी डा. महेंद्र पाल को सौंपा गया।