बाढ़ के खतरें को देखते हुए अलर्ट हुआ प्रशासन, डीएम ने दियारा इलाकों का दौरा कर तैयारियों का लिया जायजा

बाढ़ के खतरें को देखते हुए अलर्ट हुआ प्रशासन, डीएम ने दियारा इलाकों का दौरा कर तैयारियों का लिया जायजा

पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश व बादल फटने से बढ़ रहा हैं गंगा का जलस्तर

गंगौली में अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर किया समीक्षा, दिए निर्देश

केटी न्यूज/सिमरी

पहाड़ी इलाकों तथा देश के पश्चिमी व उत्तरी हिस्सें में लगातार हो रही बारिश तथा बादल फटने की घटना से नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं। गंगा की सहायक नदियों में बाढ़ आ गई है। गंगा का जल स्तर भी बढ़ रहा हैं। संभावित बाढ़ के खतरें को देखते हुए बक्सर प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया हैं। गुरूवार को डीएम अंशुल अग्रवाल ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर अंचल के दियारा इलाके का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंन तटबंध की मजबूती परखने के साथ ही बाढ़ से ग्रसित होने वाले तटवर्ती इलाकें के गांवों में स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व की जा रही तैयारियों का जायजा लिया तथा

गंगौली मध्य विद्यालय में अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर तैयारी की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने जन प्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए तथा जो सुझाव अच्छे लगे उस पर तत्काल अमल करने का निर्देश अपने मातहतों को दिया। डीएम द्वारा डुमरांव अनुमंडल के संभावित बाढ़ प्रभावित होने वाले जवही दियर, रामदास राय का डेरा, नियाजीपुर बांध, लाल सिंह के डेरा, बेनीलाल के डेरा, श्रीकांत के डेरा सहित कई अन्य गांवों का भ्रमण किया गया। बैठक में उपस्थित प्रभारी पदाधिकारी आपदा, पशु चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति निरीक्षक, चिकित्सक, कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बक्सर, अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव, सिमरी व चक्की के बीडीओ तथा सीओ को निर्देश दिया कि बाढ़ से पूर्व पशु चारा, पेयजल, दवा, गोताखोर, कम्युनिटी हॉल, पर्याप्त संख्या में नौका एवं अस्थायी आश्रय स्थल से संबंधित सभी आवश्यक तैयारियां यथाशीघ्र करते हुए इसका रिपोर्ट देने को कहा। 

इस बार बनी हुई है बाढ़ की संभावना

बता दें कि इस गंगा में बाढ़ आने की संभावना बनी हुई हैं। जानकारों की मानें तो पहाड़ो पर भारी बारिश तथा बादल फटने के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ रहा हैं। वही देश के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश हो रही है। दिल्ली में बारिश के कारण यमुना नदी खतरें के निशान से उपर बह रही हैं। यमुना गंगा की प्रमुख सहायक नदी हैं। इसका पानी भी

प्रयागराज के पास गंगा में मिलता हैं। वही उतराखंड से यहां तक कई छोटी बड़ी नदियां गंगा में समाहित होती है, जो बरसात के शुरूआत से ही लबालब हो गई है। जिस कारण गंगा में बाढ़ आने का खतरा बना हुआ हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन इस बार समय रहते तैयारियों में जुट गया हैं। ताकी बाढ़ की विभीषिका के दौरान जान माल की क्षति को रोका जा सकें।

बाढ़ से प्रभावित होते है तीन प्रखंडों के दर्जनों गांव

बता दें कि डुमरांव अनुमंडल के सिमरी, चक्की तथा ब्रह्मपुर प्रखंडों के गंगा के तटीय इलाकों में स्थित दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। सिमरी प्रखंड के केशोपुर से लेकर गंगौली तक, चक्की प्रखंड के चक्की, जवही दियर तथा ब्रह्मपुर का नैनीजोर व महुआर पंचायत बाढ़ से सीधे प्रभावित होता है। इनमें नैनीजोर का ढाबी गांव, सिमरी का श्रीकांत का डेरा, तथा केशोपुर में स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। यही कारण है कि इस बार जिला प्रशासन समय रहते तैयारियों को परख रहा हैं।