केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद राजनीतिक परिदृश्य में भारी उथल-पुथल मची हुई है। पहली बार 2014 के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुमत का जादुई आंकड़ा (272 सीटें) हासिल नहीं हुआ है। इस स्थिति में विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A' की निगाहें एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू पर थीं।
बुधवार (5 जून, 2024) को दिल्ली में एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें सरकार गठन पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में एन चंद्रबाबू नायडू के शामिल होने को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही थीं। विजयवाड़ा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नायडू ने स्पष्ट किया, "आप चिंता मत करिए। आप न्यूज़ चाहते हैं। मैंने देश में कई राजनीतिक बदलाव होते हुए देखे हैं, लेकिन मैं एनडीए में ही रहूंगा। मैं एनडीए की मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा हूं।"
चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में TDP के शानदार प्रदर्शन के लिए मतदाताओं का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा, "हम एनडीए में ही बने रहेंगे।"
आंध्र प्रदेश विधानसभा की 175 सीटों में से TDP ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि पवन कल्याण की जनसेना पार्टी को 21 और बीजेपी को 8 सीटें मिली हैं। लोकसभा में TDP ने 16 सीटें जीती हैं, वहीं बीजेपी के खाते में 240 सीटें गई हैं। ऐसे में केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को TDP का समर्थन महत्वपूर्ण है।
चंद्रबाबू नायडू के इस निर्णय से बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने में काफी आसानी होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नायडू का एनडीए में बने रहने का निर्णय बीजेपी के लिए संजीवनी का काम करेगा, क्योंकि इसके बिना केंद्र में स्थिर सरकार बनाना मुश्किल हो सकता था।
बीजेपी के लिए TDP का समर्थन क्यों जरूरी है, इसे समझने के लिए आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य को देखना होगा। राज्य विधानसभा में TDP की 135 सीटें और लोकसभा में 16 सीटें बीजेपी के लिए सरकार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। नायडू के समर्थन के बिना, बीजेपी को आवश्यक बहुमत प्राप्त करना कठिन होता।
TDP के रुख साफ होने के बाद, अब बीजेपी एनडीए के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार गठन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएगी। नायडू की इस घोषणा ने बीजेपी के भीतर और उसके सहयोगियों के बीच स्थिरता और भरोसे की भावना को मजबूत किया है।
आगामी दिनों में, एनडीए के प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें और मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया तेज होगी। सरकार गठन के इस महत्वपूर्ण दौर में चंद्रबाबू नायडू का समर्थन बीजेपी के लिए वरदान साबित हो सकता है।
इससे स्पष्ट होता है कि आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में चंद्रबाबू नायडू की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और उनके समर्थन से बीजेपी की सरकार बनाने की संभावनाएं कितनी प्रबल हो जाती हैं।