डीडीसी ने किया केशोपुर वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट व राजपुर परसनपाह पंचायत भवन का निरीक्षण

प्रखंड क्षेत्र के केशोपुर में निर्माणाधीन वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट एवं राजपुर परसनपाह पंचायत सरकार भवन का औचक निरीक्षण डीडीसी डॉ. महेंद्र पाल एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिकांत शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। निरीक्षण के दौरान नवनिर्मित वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की समय अवधि के बारे संबंधित अधिकारियों से जानकारी लिया तथा कार्य को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया। डीडीसी ने कहा कि यह परियोजना दियारा इलाके के लोगों को आर्सेनिक के जहर से मुक्ति दिलाने के उदेश्य से शुरू की जा रही है।

डीडीसी ने किया केशोपुर वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट व राजपुर परसनपाह पंचायत भवन का निरीक्षण

- शीघ्र शत् प्रतिशत कार्य पूरा करने का दिया निर्देश

- अगले सप्ताह मुख्यमंत्री कर सकते है पंचायत सरकार भवन एवं वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट का उद्घाटन

केटी न्यूज/सिमरी 

प्रखंड क्षेत्र के केशोपुर में निर्माणाधीन वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट एवं राजपुर परसनपाह पंचायत सरकार भवन का औचक निरीक्षण डीडीसी डॉ. महेंद्र पाल एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिकांत शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।  निरीक्षण के दौरान नवनिर्मित वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की समय अवधि के बारे संबंधित अधिकारियों से जानकारी लिया तथा कार्य को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया। डीडीसी ने कहा कि यह परियोजना दियारा इलाके के लोगों को आर्सेनिक के जहर से मुक्ति दिलाने के उदेश्य से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि आर्सेनिक के जहर से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए जरूरी है कि इस प्लांट का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत जितने लाभुक है, सभी के घरों तक इसका पानी पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र व राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

वहीं, उन्होंने राजपुर परसनपाह पंचायत भवन का निरीक्षण भी किया तथा इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार की योजनाओं से क्रियान्वयन से संबंधित रजिस्टर संधारण का जायजा लेते हुए बेहतर तरीके से रजिस्टर संधारण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण होने से पंचायत प्रतिनिधियों व पंचायत स्तरीय कर्मियों के अलावे जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को अपने कार्य निष्पादन में सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण भी इसी उदेश्य से किया गया है, ताकी पंचायत प्रतिनिधियों व पंचायत स्तरीय कर्मियों को काम निपटाने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं, उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन के कार्यरत होने से पंचायत की जनता को अब अपने कार्यों के निष्पादन के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत के लोगों को अब एक छत के नीचे सभी कार्यालयों की सुविधा मिल जाएगी। उन्हें भी अब आरटीपीएस सहित सभी तरह के कामों के लिए प्रखंड कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने मातहतों से पंचायत सरकार भवन का संचालन सरकार के गाइड लाइन के अनुसार करने को कहा। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन में पंचायत प्रतिनिधियों व पंचायत स्तरीय कर्मियों के बैठने के लिए कार्यालय के अलावे, पेयजल, शौचालय, बिजली सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं भी मिलेगी। जिससे उन्हें अपने कामों को निपटाने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

वहीं, सूत्रों की मानें तो केशोपुर वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा संभावित माना जा रह हैं, लेकिन इस संबंध में जब प्रशासनिक अधिकारियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की जानकारी प्रशासनिक स्तर पर ज्ञात नहीं हैं। यदि मुख्यमंत्री का प्रोग्राम  लगता हैं तो इसकी जानकारी मीडिया को दी जायेगी। बहरहाल वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट व पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य के प्रति प्रशासनिक सक्रियता इस बात का इशारा कर रही है कि यहां मुख्यमंत्री आ सकते है। इस मौके पर अंचलाधिकारी भगवती शंकर पाण्डेय मुखिया प्रतिनिधि के साथ दर्जनों ग्रामीण मौजूद थें।

--दियारा इलाके में गंभीर हो गई है आर्सेनिक की समस्या

बता दें कि गंगा के तटवर्तीय इलाके में आर्सेनिक की समस्या काफी गंभीर हो गई है। पिछले एक दशक से सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में आर्सेनिक के जहर से बड़ी संख्या में लोग पेट की बीमारियों, चर्म रोग यहां तक की कैंसर से ग्रसित हो रहे है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने केशोपुर में जलशोध संयत्र परियोजना की शुरूआत की। हालांकि, इस परियोजना पर कभी कोरोना तो कभी बाढ़ का ग्रहण लगते रहा है, लेकिन अब यह परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है। इससे जलापूर्ति भी शुरू हो चुकी है, लेकिन लक्ष्य के अनुरूप अभी भी जलापूर्ति नहीं हो रही है। जिस कारण प्रशासन द्वारा बार-बार निरीक्षण कर इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया जा रहा है। ताकी सभी लोगों को इसका लाभ मिल सकें।