10 अगस्त तक जमा कराए सीएमआर का चावल, नहीं जमा करने वाले मिलरो व पैक्सों पर करें कार्रवाई - अपर समाहर्ता
खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत अधिप्राप्त धान के विरुद्ध चावल (सीएमआर) की आपूर्ति में धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) गिरिजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित एक अहम समीक्षा बैठक में चावल आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की गई।

-- सीएमआर आपूर्ति में सुस्ती पर सख्ती, बक्सर में समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश
केटी न्यूज/बक्सर
खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत अधिप्राप्त धान के विरुद्ध चावल (सीएमआर) की आपूर्ति में धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) गिरिजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित एक अहम समीक्षा बैठक में चावल आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की गई।
बैठक में यह जानकारी सामने आई कि अब तक केवल 85.82 प्रतिशत सीएमआर ही राज्य खाद्य निगम के गोदाम में जमा हो सका है, जिससे अधिकारियों ने असंतोष जताया।अपर समाहर्ता ने जिला सहकारिता पदाधिकारी एवं जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी समितियों से खरीदे गए धान के
विरुद्ध संबद्ध राइस मिलों से 10 अगस्त तक शत-प्रतिशत चावल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तय तिथि तक चावल की आपूर्ति पूरी नहीं होती है, तो संबंधित पैक्सों, व्यापार मंडलों और राइस मिलों के विरुद्ध नियमों के तहत कार्रवाई किया जाए तथा उनपर एफआईआर दर्ज कराया जाए।
समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि जिले के राजपुर और इटाढ़ी प्रखंडों में सीएमआर आपूर्ति की स्थिति सबसे चिंताजनक है। राजपुर में 87 लॉट तथा इटाढ़ी में 66 लॉट चावल जमा नहीं किया गया है, जो अधिकारियों के अनुसार बेहद चिंता का विषय है। इसके आलोक में निर्देश दिया गया कि सबसे कम आपूर्ति करने वाले पैक्सों और राइस मिलों की सूची तैयार कर उनके लिए माइक्रो प्लान बनाकर जिला आपूर्ति शाखा को शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
बैठक में जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान साफ किया गया कि सीएमआर की निर्धारित समयसीमा के भीतर शत-प्रतिशत आपूर्ति प्रशासन की प्राथमिकता है, और इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अपर समाहर्ता ने चेतावनी दी कि यदि आवश्यकता पड़ी तो दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जा सकें। गौरतलब हो कि धान अधिप्राप्ति के बाद करोड़ो के चावल गबन का मामला अभी जिले में चल रहा है, जिसकी जांच निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है।