पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने देश में बलिया को दी नई पहचान: योगी
-अब बलिया की सब्जी बिकेगी वैश्विक बाजार में
- बलिया में जमीन मिल गई होती तो बन गया होता मेडिकल कॉलेज
केटी न्यूज/बलिया
बलिया को देश और दुनिया को पहचान दिलाने वाले चंद्रशेखर की प्रतिमा का अनावरण करने का मुझे अवसर मिला है, इसके लिए मैं सौभाग्यशाली हूं। उन्होंने हमेशा मूल्यों की राजनीति की। उन्हें हर व्यक्ति की परख थी। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक उनके प्रशसंक मिलेंगे। जब देश में लोकतंत्र को रौंदने का प्रयास हुआ तो चंद्रशेखर जी मुखर हुए थे। स्वदेशी आंदोलन में वह लोकप्रिय हो गए थे। उनके खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी नहीं करता था। सब उनका सम्मान करते थे, उक्त बातें रविवार को चंद्रशेखर उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर की प्रतिमा का अनावरण करने के उपरांत पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कही।
उन्होंने कहा कि उनकी मूर्ति आजमगढ़ में बनायी गयी है। बहुत अच्छी प्रतिमा बनी है, इसमें कलाकार के हाथ की सफाई भी दिखाई पड़ेगी। चंद्रशेखर ने लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में बड़ी भूमिका प्रदान की है। आज भारत वैश्विक मंच पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। बलिया अभी तक बागी स्वभाव के लिए जाना जाता था। अब यहां की सब्जी दुनिया के बाजार में बिकने के लिए जाएगा। यहां के किसानों को सब्जी का अच्छा दाम मिलेगा। कई बार सब्जी खराब हो जाती है, अब वही सब्जी प्रोसेसिंग के जरिये पानी के जहाज के माध्यम से वैश्विक बाजार तक जाएगा। यहां मल्टीमॉडल हब बनाया जा सकता है, क्योंकि यह जिला सरयू और गंगा के मध्य बसा है।
कृषि उत्पादक संगठनों को बधाई देता हूं। आज पेयजल, स्वास्थ्य, सड़क और कृषि से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकर्पण हुआ है। यह जिला बिहार के बॉर्डर पर बसा है। यहां असीमित ऊर्जा है, किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। इनलैंड वाटरवेज को विकसित किया जाएगा, क्योंकि यह बनारस-कोलकाता जलमार्ग का मुख्य केंद्र बन सकता है। निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है। पर्यटन हमारे यहां बड़ा माध्यम है। काशी विश्वनाथ में दर्शन के लिए एक करोड़ लोग आए थे, इससे हर तबके को रोजगार मिला है। भृगु कॉरिडोर का प्रस्ताव जिला प्रशासन बनाए। इब्राहिमपट्टी के अस्पताल में सुविधाएं बढ़ा दी जाएं। जिले में मेडिकल कालेज का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए। हम प्रदेश में 35 मेडिकल कालेज बना रहे हैं। बलिया में जमीन मिल गई होती तो यहां भी कालेज बन गया होता। प्रोजेक्ट को जल्द धरातल पर उतारा जाए।