कैसे बुझेगी बच्चों की प्यास, डीईओ के निरीक्षण में कुंवर सिंह मध्य विद्यालय में बंद मिला समरसेबल
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में संसाधनों की आपूर्ति की गई है। बिजली, पंखा, पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय आदि व्यवस्था को दुरूस्त किया गया है।

- डीईओ ने प्रभारी प्रधानाध्यापक से पूछा शो-कॉज
केटी न्यूज/बक्सर
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में संसाधनों की आपूर्ति की गई है। बिजली, पंखा, पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय आदि व्यवस्था को दुरूस्त किया गया है।
लेकिन, ये सारे संसाधन कागजों पर ही छात्रों को मयस्सर हो रहे है। इसका खुलासा जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार पांडेय द्वारा बक्सर के कुंवर सिंह मध्य विद्यालय के निरीक्षण के दौरान हुआ है। डीईओ ने इस विद्यालय के निरीक्षण के दौरान समरसेबल को बंद पाया, इसके अलावे कई अन्य खामियां भी देखने को मिली। जिससे नाराज डीईओ ने इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक से शो-कॉज पूछा है।
मिली जानकारी के अनुसार डीईओ के निरीक्षण के दौरान एमडीएम पंजी फरवरी माह के बाद अपडेट नहीं किया गया था, चखना पंजी संधारण ठीक से नहीं हुआ था। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि एमडीएम संचालन में भारी पैमाने पर अनियमितता बरत राशि का गबन कर लिया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान डीईओ ने पाया कि स्कूल में एक शौचालय में ताला बंद था, जबकि एक अन्य शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के बावजूद उसका एनओसी संवेदक को दिया गया है। जिससे शौचालय निर्माण की पूर्ण राशि की निकासी हो गई है। कम्पोजिट ग्रांट की राशि के व्यय के संबंध में अभिलेख नहीं पाया गया।
डीईओ ने जब बंद समरसेबल के संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि प्रभारी एचएम ने कनीय अभियंता को लिखकर दिया है कि समरसेबल चालू है। डीईओ ने इसे साजिश माना और कहा कि समरसेबल बंद होने से इस भीषण गर्मी में बच्चों की पयास कैसे बुझती होगी। वहीं, हैंडवॉश स्टेशन भी नहीं मिला। डीईओ ने माना है कि संवेदक से मिलीभगत कर सरकारी राशि की लूट-खसोट की गई है।
इसके अलावे डीईओ ने पाया कि कक्षाओं का संचालन एक खुले हॉल में किया जा रहा है। जिसका फर्श टूटा हुआ है। साथ ही वहां टूटा बेंच डेस्क रखा हुआ है। कार्यालय में दो बॉक्स रखा गया है। एक में ताला बंद नहीं था। उसे खोलकर देखा गया तब उसमें कापी रखा हुआ है। यह बच्चों के बीच वितरित नहीं किया गया है और न विभाग को वापस किया गया। इससे पूरी अनियमितता व स्वेच्छाचारिता स्पष्ट हो रही है।
डीईओ ने प्रभारी एचएम से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है और कहा कि संतोषजनक जबाव नहीं देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीईओ के इस निरीक्षण के बाद जिलेभर के सरकारी स्कूलों में हड़कंप मच गया है।