सोनवर्षा उच्च विद्यालय में छात्र-शिक्षक एवं अभिभावक संगोष्ठी संपन्न, विधायक रहे मौजूद
उच्च विद्यालय सोनवर्षा के प्रांगण में छात्र-शिक्षक एवं अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित विधायक अजीत कुमार उर्फ अजीत कुशवाहा ने छात्रों व अभिभावकों से विद्यालय की स्थिति पर सीधा संवाद किया। इस दौरान विद्यालय में अनियमित शिक्षण व्यवस्था, बच्चों की अनुपस्थिति, संसाधनों की कमी समेत अन्य पर सुधार लाने पर विचार विमर्श किया गया।
- छात्रांे व अभिभावकों से सीधा संवाद कर कमियों को दुरुस्त करने का विधायक ने दिया हिदायत
केटी न्यूज/नावानगर
उच्च विद्यालय सोनवर्षा के प्रांगण में छात्र-शिक्षक एवं अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित विधायक अजीत कुमार उर्फ अजीत कुशवाहा ने छात्रों व अभिभावकों से विद्यालय की स्थिति पर सीधा संवाद किया। इस दौरान विद्यालय में अनियमित शिक्षण व्यवस्था, बच्चों की अनुपस्थिति, संसाधनों की कमी समेत अन्य पर सुधार लाने पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था में हो रही खामियों को दूर कर गुणवत्ता शिक्षा देने की शिक्षकों को हिदायत भी दिया।
चूंकि एक सप्ताह पूर्व विधायक द्वारा विद्यालय की औचक निरीक्षण में काफी खामियां सामने आई थी। विधायक ने कहा कि उच्च विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली कई समस्याएं और कमियां पायी गयी हैं । हालांकि, ये समस्याएं हर विद्यालय में भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। शिक्षकों की अनुपस्थिति और कर्तव्य के प्रति लापरवाही की बातें सामने आयीं हैं । विद्यालयों में उचित क्लासरूम, बेंच, बिजली और पंखे का आवश्यकता के अनुरूप अभाव है। स्वच्छ शौचालय और पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। विद्यालय के प्रति विशेष ध्यान नहीं दिए जाने से शैक्षणिक व्यवस्था लचर होती जा रही है। जिसका परिणाम विद्यालय में छात्रों की नियमित उपस्थिति कम होती जा रही है। इससे विद्यालय प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारियों की व्यापक उदासीनता नजर आ रही है। फंड उपलब्ध होने के बावजूद भी योजनाओं का सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है। खेल, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन नहीं हो रही है। उन्होंने कहा बच्चों के सर्वांगीण विकास पर कम ध्यान है। चूंकि समाज के लोगों का विद्यालय की प्रगति में योगदान सीमित हो गया है।
गोष्ठी के दौरान विधायक ने छात्र-छात्राओं से कहा कि शिक्षकों के अलावा छात्र- छात्राएं भी आपस में मिलकर अपनी पढ़ाई व विद्यालय का वातावरण बेहतर बना सकते हैं। ऐसे में समान विषय में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राएं मिलकर छोटे-छोटे अध्ययन समूह बना कर पढ़ाई कर सकते हैं। समूह में पाठ, प्रश्न-उत्तर, और नोट्स साझा किए जा सकते हैं। इंटरनेट, पुस्तकालय और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके विषय को समझने की कोशिश करें। यदि किसी छात्र को किसी विशेष विषय या समस्या में कठिनाई हो, तो दूसरे साथी उसकी मदद करें।
एक-दूसरे के होमवर्क और प्रोजेक्ट्स में मदद करें। ग्रुप डिस्कशन, डिबेट, और प्रैक्टिकल एक्टिविटी जैसे कार्यक्रम आयोजित करें। छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स बनाकर टीमवर्क को बढ़ावा दें। कक्षा प्रतिनिधि या एक नेतृत्वकर्ता चुने जो समूह की गतिविधियों और समस्याओं को मैनेज करें। मिलकर समस्याओं का समाधान निकालने की रणनीति बनाएं। विद्यालय में सफाई, अनुशासन और टीम भावना के लिए छात्र खुद जिम्मेदारी लें। सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रम आयोजित कर सकारात्मक माहौल बनाएं।
यदि कोई शिक्षक सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो सभी छात्र मिलकर विनम्रता से उनसे अपनी समस्या साझा करें। सामूहिक प्रयास से शिक्षक का ध्यान आकर्षित करना अधिक प्रभावी हो सकता है । सकारात्मक रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें। इन प्रयासों से छात्र-छात्राएं न केवल अपनी पढ़ाई को बेहतर बना सकते हैं बल्कि विद्यालय को एक सामूहिक और सकारात्मक स्थान भी बना सकते हैं, लेकिन सबसे जरुरी है कि सभी छात्र-छात्राएं नियमित रूप से विद्यालय आएं और पुरे समय विद्यालय में रहें।
हम लगातार मॉनिटरिंग करते रहेंगे और तमाम समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इस दौरान दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार, किसान नेता मंटू पटेल, जिला परिषद सदस्य डॉ. राजीव यादव, नीरज कुमार यादव, प्रोफेसर शोभनाथ, रवि शंकर कुमार, मंगल महेश, सुरेश राम, अजमेरजी, रवि मौर्या, कलामुद्दीनजी, मृत्युंजय ओझा, निजी सहायक मो. नासिर हसन समेत सभी शिक्षक-शिक्षिका व छात्र-अभिभावक मौजूद थे।