गोवा इंस्टिट्ट ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों ने बक्सर में स्वरोजगार के अवसर को समझने के लिए किया रिसर्च
बक्सर में स्वरोजगार को बढ़ावा देने, योग्य उद्यमियों की तलाश कर उनका क्षमता संवर्द्धन करने के उद्देश्य से आए गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के छात्रों ने 12 दिन तक अलग अलग पंचायतों और गांव में घूमकर रिसर्च किया। 18 मार्च से शुरू हुए इस सर्वे में ये छात्र बक्सर के उद्यमियों, किसानों, किसान संगठनों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिले।

- उद्यमशील युवाओं को चिन्हित कर आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर में स्वरोजगार को बढ़ावा देने, योग्य उद्यमियों की तलाश कर उनका क्षमता संवर्द्धन करने के उद्देश्य से आए गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के छात्रों ने 12 दिन तक अलग अलग पंचायतों और गांव में घूमकर रिसर्च किया। 18 मार्च से शुरू हुए इस सर्वे में ये छात्र बक्सर के उद्यमियों, किसानों, किसान संगठनों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिले।
छात्रों ने किसानी में टमाटर जैसे फसल से नुकसान झेल रहे किसानों के नुकसान को कम करने और जीवन के बेहतर बनाने के उपाय को तलाशा, साथ ही किसानी को मुनाफा के व्यापार के तौर पर काम करने वाले किसानों के मॉड्यूल्स का अध्ययन भी किया।
स्वयं सहायता समूह के महिलाओं की आमदनी की स्थिति का जायजा लेते हुए छात्रों ने उनके लिए घरेलू उद्योग के संभावनाओं पर चर्चा किया। स्वरोजगार और उद्यमिता के प्रति युवाओं और छात्रों के रुझान और मानसिकता की समझने के लिए छात्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, प्रोफेशनल ट्रेनिंग संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों से भी साक्षात्कार किया।
बक्सर में हुए इस अनूठे प्रयास का नेतृत्व बक्सर के सिमरी प्रखंड के दुबौली गांव के युवा बिपिन बिहारी दुबे ने किया। बिपिन पिछले छह महीने से बिहार और बक्सर में लघु उद्योग और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बिपिन कहते हैं कि बिहार देश का सबसे युवा राज्य है यहां के लोगों में असीमित सम्भनवानाएं हैं। हमारा यह प्रयास बिहार और बक्सर में युवाओं के अंदर उद्यमशीलता ( एंटरप्रेन्योरशिप) की मानसिकता के विकास के लिए
है। आने वाले समय में हम जिला स्तर पर उद्यमशील युवाओं को चिन्हित कर उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।छात्रों ने पिछले 12 दिनों में किए अपने रिसर्च और उससे मिले आंकड़ों के आधार पर बक्सर में लघु उद्यम और उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कुछ हल सुझाय और उसका विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया।
पूर्व आईपीएस और बक्सर लोकसभा के प्रत्याशी रहे आनंद मिश्र ने छात्रों के इस प्रयास की सराहनता करते हुए कहा कि बक्सर में इस तरीके का प्रयास करने के लिए मैं छात्रों के प्रति आभारी हूं कि वे यहां स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक हल सुझाए। मैं स्वयं इस तरीक़े के प्रयासों का पक्षधर हूं और बिपिन भाई के साथ मिलकर इस प्रयास को आगे बढ़ाने में सहयोग करूंगा।
गोवा इंस्टिट्îूट ऑफ मैनेजमेंट से रिसर्च के लिए आए एक छात्र ने अपना अनुभव साझा किया। उसने बताया कि बक्सर में बिताए 12 दिन ने यहां के लोगों के बारे में हमारा विचार बदल दिया है। जिस तरीके का आव भगत और सत्कार यहां के लोगों ने किया वो हमें कहीं और देखने को नहीं मिला। यहां व्यापार को लेकर बहुत संभावनाएं हैं और हमारी कोशिश
है कि हम अपने प्रयास से बक्सर के लोगों में स्वरोजगार के प्रति रुचि बढ़ा सकें। क्योंकि बक्सर अब मुझे अपना लगने लगा है।इस रिसर्च के दौरान बक्सर के महर्षि विश्वामित्र कॉलेज के बीबीए के छात्रों ने भी हिस्सा लिया।