श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास को सरयु नदी में दी गई जल समाधि

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास का बुधवार को निधन हो गया।आज शाम महंत सत्येंद्र दास को सरयु नदी में जल समाधि दी गई।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास को सरयु नदी में दी गई जल समाधि
Priest Mahant Satyendra Das

केटी न्यूज़/अयोध्या

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास का बुधवार को निधन हो गया।आज शाम महंत सत्येंद्र दास को सरयु नदी में जल समाधि दी गई। उनके शरीर को तुलसीदास घाट पर जल समाधि दी गयी है। इससे पहले सत्येंद्र दास के पार्थिव शरीर को रथ पर रखकर नगर भ्रमण कराया गया। इसके बाद उन्हें जल समाधि दी गई। 

सत्येंद्र दास अयोध्या राम मंदिर के प्रमुख पुजारी थे। उन्होंने 20 वर्ष की आयु में ही संन्यास ग्रहण कर लिया था। वह निर्वाणी अखाड़े से आने वाले अयोध्या के सबसे प्रमुख संतों में से एक थे। 85 साल की उम्र में तीन फरवरी को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया जिसके बाद उन्हें संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। बुधवार को 85 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में प्राचीन काल से संतों को जल समाधि देने की परंपरा रही है। ऐसी मान्यताएं हैं कि जल पवित्र तत्व होता है और इसमें समाधि से जल्द ही मोक्ष मिलता है। माना जाता है कि मनुष्य का शरीर पंचतत्वों यानी- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना होता है। संतों के शव को जल में विलय कर दिया जाता है ताकि वह अपने मूल तत्व में लौट जाए। बता दें कि संतों शरीर आम मनुष्यों से काफी अलग माना जाता है। वह तप, साधना आदि परिपूर्ण होता है। इसलिए उनके शरीर का दाह संस्कार करने के बजाय उसे जल समाधि दी जाती है।