भय के इन कारणों का योगी सरकार ने कर दिया उन्मूलन,हो रहा कुशीनगर का कायाकल्प

योगी सरकार के प्रयास से इंसेफेलाइटिस और इससे होने वाली मौतें लगभग खत्म हो चुकी हैं। जिले को बाढ़ से बचाने के लिए योगी सरकार के कार्यकाल में सात वर्षों में बाढ़ बचाव पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

भय के इन कारणों का योगी सरकार ने कर दिया उन्मूलन,हो रहा कुशीनगर का कायाकल्प
Yogi adityanath

केटी न्यूज़/लखनऊ

योगी सरकार के प्रयास से इंसेफेलाइटिस और इससे होने वाली मौतें लगभग खत्म हो चुकी हैं। जिले को बाढ़ से बचाने के लिए योगी सरकार के कार्यकाल में सात वर्षों में बाढ़ बचाव पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। यहां की जमीन काफी उर्वर है। कभी पूर्वांचल की ढेर सारी चीनी मिलें अविभाजित देवरिया और कुशीनगर में ही थीं। केले और हल्दी की खेती भी खूब होती है।केले को कुशीनगर का एक जिला एक उत्पाद  बनाकर योगी सरकार ने इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया।

सरकार चाह ले तो कुछ भी संभव है। किसी जिले या क्षेत्र का कायाकल्प भी। कुशीनगर जिला इसका प्रमाण है।बिहार से सटे पूर्वांचल का यह जिला कभी बेहद पिछड़ा होता था। किसी समय यहां आयोडीन की कमी के कारण अधिकांश लोगों को घेंघा रोग हुआ करता था। चार दशकों में इंसेफेलाइटिस के कहर से जिन हजारों बच्चों की मौत हुई या इसके असर से जो शारीरिक और मानसिक रूप से जो विकलांग हुए उनमें सर्वाधिक संख्या कुशीनगर जिले के लोगों की थी। नारायणी और गंडक हर साल बाढ़ के सीजन में कहर ढाती थीं। जंगल गिरोह के डाकुओं का आतंक अलग से। गरीबी इतनी कि इस जिले के कुछ लोग अपनी भूख मिटाने के लिए मूस खाते थे। इनका कोटे का अनाज राशन माफिया डकार जाते थे। मूस खाने के कारण इनको मुसहर कहा जाता था।

किसानों खेती के नए तौर तरीके को जानें, उनका प्रयोग कर उपज और आय बढ़ाएं, इसके लिए योगी सरकार कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय खोल रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से संबद्ध भारतीय सब्जी संस्थान से एफिलिएट कृषि विज्ञान केंद्र परंपरागत खेती के साथ सब्जियों की खेती को भी प्रोत्साहन दे रहा है। खांडसारी नीति बदलने से गन्ना उत्पादकों को लाभ हुआ। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार अलग से मिला। सरकार, टाटा ट्रस्ट और अजीमजी प्रेमजी फाउंडेशन मिलकर जिले में हल्दी और बीज वाले मसाले की खेती को भी प्रोत्साहन दे रहे हैं। इसमें केंद्रीय बीजीय शोध संस्थान अजमेर भी मदद कर रहा है।

कुशीनगर में बाढ़ की समस्या का भी स्थाई समाधान हो ही रहा है। हाल के अपने दौरे में मुख्यमंत्री ने कुशीनगर और महराजगंज को जोड़ने के लिए नारायणी नदी पर पुल निर्माण की भी घोषणा की। इसके बनने पर दोनों जिलों के करीब डेढ़ दर्जन गांवों के हजारों लोगों को लाभ होगा। आने जाने में उनका समय और संसाधन दोनों बचेगा।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भविष्य में इस पूरे इलाके के विकास के लिए मील का पत्थर बनेगा। तथागत की परिनिर्वाण स्थली पर आने वाले बौद्धिस्ट देशों के पर्यटकों की यात्रा आसान, सुरक्षित और द्रुतगामी हो जाएगी। यहां के उत्पादों के एक्सपोर्ट के लिए यह हब के रूप में विकसित हो सकेगा।मुसहर समुदाय के लोग अब सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से संतृप्त किए जा चुके हैं। जब योगी आदित्यनाथ सांसद थे तबसे वे संसद में लगातार मुसहरों की आवाज उठाते थे। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद वनटांगियों की तरह मुसहरों की भी किस्मत बदल गई।