राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए न्यायाधीश ने की थानाध्यक्षों के साथ बैठक

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार 14 सितंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन की तैयारी तेज हो गई है। यह राष्ट्रीय लोक अदालत सदन एवं व्यवहार न्यायालय, बक्सर के परिसर में किया जाएगा।

राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए न्यायाधीश ने की थानाध्यक्षों के साथ बैठक

- 14 सितंबर को बक्सर में आयोजित होगा राष्ट्रीय लोक अदालत, सफलता के लिए तैयारी तेज

केटी न्यूज/बक्सर

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार 14 सितंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन की तैयारी तेज हो गई है। यह राष्ट्रीय लोक अदालत सदन एवं व्यवहार न्यायालय, बक्सर के परिसर में किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए अवर  न्यायाधीश सह सचिव, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार देवेश कुमार द्वारा प्रतिदिन सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक की जा रही है।

इसी के तहत शनिवार को जिले के सभी थाना अध्यक्षों के साथ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के प्रकोष्ठ में एक बैठक आहूत की गई। जिसमें लगभग दो हजार मामलों के निपटारे सुलह-समझौते के आधार पर राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करवाने का लक्ष्य रखा गया।

बैठक में उन्होंने कहा कि सभी न्यायालय से आए हुए सुलहनिए वादों की सूची के आधार पर बनाए गए दोनों पक्षकारों के नोटिस को सभी थानाध्यक्षों को दिया जाएगा। इस नोटिस के माध्यम से वें निजी तौर पर इन सभी नोटिस को पक्षकारों तक पहुंचने का काम करें।

साथ ही पक्षकारों तक पहुंचने वाले व्यक्ति को न्यायालय में आकर अपने वाद को सुलह करवाने के लिए प्रेरित करें। उन्हें यह बताएं कि आपके जिले में एक ऐसी अदालत भी है जिसमें बिना किसी फीस के वकील के आपके अपने मुकदमों का निपटारा आपसी सुलह के आधार पर हो सकता है। पिछली बार जुलाई 2024 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आशा के अनुरूप मामले का निष्पादन नहीं हो पाने के कारण इस बार कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दो हजार मुकदमे के निपटारा का लक्ष्य पूरा करना है।

इसके लिए न्यायालय में बने सभी नोटिस का तामिला अति आवश्यक है। मौके पर उन्होंने कहा कि आपके थाने में पैनल अधिवक्ता एवं पारा विधिक स्वयंसेवक को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए नियुक्त किया गया है, आपके थाने मे यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तार होकर आता है,

तो वे उसे गिरफ्तारी के पूर्व और गिरफ्तारी के बाद उनके क्या मौलिक अधिकार है, उन्हें क्या विधिक सहायता दी जा सकती है, इसके बारे में वह गिरफ्तार व्यक्ति को अवगत कराएंगे। पैनल अधिवक्ता और पारा विधिक स्वयं सेवक की कार्य प्रणाली के बारे में भी विशेष रूप से चर्चा की गई। बैठक में जिले के सभी थानों के थानाध्यक्ष मौजूद थे।