बासुदेवा हत्याकांड में खुलासा: पेप्सी कंपनी के ठेकेदारी में वर्चस्व के लिए पूर्व जिप प्रतिनिधि ने कराई संतोष महतो की हत्या
वासुदेवा थाना क्षेत्र के अमीरपुर देवपुरा ( कुशवाहा टोला ) निवासी व निर्माणाधीन पेप्सी कंपनी के ठेकेदार संतोष कुमार सिंह की हत्या कंपनी के ठेकेदारी में वर्चस्व कायम करने के लिए पूर्व जिला परिषद प्रतिनिधि व उसके साथियों ने करवाई है। हत्या करने व साजिश रचने में मुन्ना यादव के साथ कुल छह लोग शामिल है। जिनमें पुलिस ने तीन को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को एसपी शुभम आर्य ने प्रेस वार्ता आयोजित कर इसकी जानकारी दी है। पुलिस ने जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

- तीन गिरफ्तार, मुख्य साजिशकर्ता जिप प्रतिनिधि मुन्ना यादव समेत तीन फरार, गिरफ्तारी के लिए हो रही है छापेमारी, एसपी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर दी जानकारी
केटी न्यूज/बक्सर
वासुदेवा थाना क्षेत्र के अमीरपुर देवपुरा ( कुशवाहा टोला ) निवासी व निर्माणाधीन पेप्सी कंपनी के ठेकेदार संतोष कुमार सिंह की हत्या कंपनी के ठेकेदारी में वर्चस्व कायम करने के लिए पूर्व जिला परिषद प्रतिनिधि व उसके साथियों ने करवाई है। हत्या करने व साजिश रचने में मुन्ना यादव के साथ कुल छह लोग शामिल है। जिनमें पुलिस ने तीन को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को एसपी शुभम आर्य ने प्रेस वार्ता आयोजित कर इसकी जानकारी दी है। पुलिस ने जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया है उनमें अमीरपुर के भोला यादव उर्फ शिव शंकर यादव पिता देवाश्रय यादव , देवपुरा के महेन्द्र यादव पिता स्व. रामनारायण यादव व चकौड़ा के अरूण यादव पिता स्व. राम प्रवेश यादव शामिल है। वहीं, अमीरपुर निवासी व पूर्व जिला परिषद प्रतिनिधि मुन्ना यादव के अलावे उपेन्द्र व सुनील की भी इस हत्याकांड में भूमिका थी। तीनों अभी फरार चल रहे है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। एसपी ने बताया कि इनमें अरूण यादव का अपराधिक इतिहास मिला है तथा वह हत्या के मामले में पूर्व में जेल जा चुका है।
एसपी ने बताया कि 25 मई की सुबह अमीरपुर के देवपुरा टोला निवासी संतोष सिंह की हत्या पेप्सी कंपनी के पीछे अपराधियों ने गोली मार कर दी थी। इस हत्याकांड के उद्भेदन के लिए डुमरांव एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया था। टीम में डुमरांव सर्किल इंस्पेक्टर श्रीनाथ, मुरार थानाध्यक्ष अमन कुमार, नावानगर थानाध्यक्ष नंदू कुमार, वासुदेवा थानाध्यक्ष मधुबाला भारती, सोनवर्षा थानाध्यक्ष नवीन कुमार के अलावे वासुदेवा थाने के सशस्त्र बल व डुमरांव डीआईयू टीम को शामिल किया गया था। इस टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पांच दिन में ही घटना का उद्भेदन करते हुए हत्याकांड व साजिश रचने में शामिल कुल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
व्यवसायिक प्रतिस्पर्द्धा व पार्टनरी से इंकार बनी संतोष की मौत की वजह
एसपी ने बताया कि जब पेप्सी कंपनी का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ था, उस समय से संतोष व उसके हत्यारे एक दूसरे के साथ काम करते थे। तब ये लोग मिलकर बियाडा की जमीन पर उगे पेड़ को काट बेचते थे। वहीं, जब पेप्सी कंपनी का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो संतोष का उसके अधिकारियों से नजदीकी बढ़ गया तथा वह कंपनी को मजदूर तथा अन्य संसधान मुहैया कराने लगा। धीरे-धीरे उसका कंपनी पर एकक्षत्र राज्य कायम हो गया था। जबकि दूसरी तरफ पूर्व जिप प्रतिनिधि मुन्ना यादव, भोला सिंह व महेन्द्र सिंह भी कंपनी में ठेकेदारी करना चाहते थे, लेकिन संतोष के रहते उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे थे। इस दौरान एक बार मुन्ना व महेन्द्र ने संतोष से पार्टनर बनाने की बात कही थी तथा इसके लिए दोनों उसे ढाई से तीन लाख रूपए देने को भी तैयार थे, लेकिन संतोष उन्हें पार्टनर बनाने को तैयार नहीं हुआ। इसके अलावे महेन्द्र सिंह व भोला सिंह का टैªक्टर पेप्सी कंपनी में चल रहा था। जिसका करीब एक लाख से अधिक रूपया संतोष के पास था। वह बार-बार मांगने पर भी दोनों को टैªक्टर के किराये का भुगतान नहीं कर रहा था। इन्ही सब बातों से नाराज मुन्ना यादव ने उसकी हत्या की साजिश रची।
एक दिन पूर्व मुन्ना यादव के घर जुटे थे अपराधी, रात से ही हो रही थी रेकी
एसपी ने बताया कि संतोष की हत्या के लिए मुन्ना यादव, भोला सिंह व महेन्द्र सिंह कई दिनों से साजिश रच रहे थे। 24 मई को मुन्ना यादव के घर सभी जुटे थे। उसी दिन तय किया गया कि सुबह में जब वह शौच के लिए निकलेगा तब उसे गोली मार देना है। एसपी ने बताया कि मुन्ना ने ही इसके लिए एक देशी कट्टा व दो कारतूस मुहैया कराया तथा चार लोगों को उसके हत्या की जिम्मेवारी दी गई।
सभी अपराधी आधी रात से ही उसकी रेकी कर रहे थे। इस दौरान संतोष अपने दरवाजे पर सो रहा था तथा सुबह में जैसे ही वह शौच के लिए पेप्सी कंपनी के पीछे पहुंचा कि पहले से घात लगाए बैठे अपराधियों ने उसे पकड़ काफी करीब से कान के पास गोली मार दी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। एसपी ने बताया कि हत्या के बाद हथियार छिपाने की जिम्मेवारी उपेन्द्र व सुनील की थी, जो अभी फरार चल रहे है। एसपी ने बताया कि फरार अभियुक्तों को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।