गणपति बप्पा मोरया के नाम के अर्थ का जाने मतलब

सितंबर 7 को गणेश उत्सव की शुरुआत हुई थी।आज से उनका विसर्जन शुरू हो गया है।हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है।

गणपति बप्पा मोरया के नाम के अर्थ का जाने मतलब
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केटी न्यूज़/दिल्ली

सितंबर 7 को गणेश उत्सव की शुरुआत हुई थी।आज से उनका विसर्जन शुरू हो गया है।हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। उन्हें प्रथम पूज्य कहा गया है और इसलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की जाती है। उन्हें रिद्धि सिद्धि का दाता और बुद्धि का देवता भी कहा गया है।भक्त उन्हें गणेश के अलावा, गणपति, गजानन, लंबोदर, एकदंत, विनायक और बप्पा आदि नामों से पुकारते हैं।

भगवान गणेश के भक्त बप्पा मोरया के जयकारे भी खूब लगाते हैं।विशेष तौर पर जब इन दिनों गणेश उत्सव की धूम पूरे देश में मची हुई है।क्या आप जानते हैं गणेश जी को बप्पा क्यों ​कहा जाता है और मोरया शब्द के पीछे की क्या कहानी है?गणपति शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- इसमें ‘गण’ और ‘पति’ शामिल हैं।इनमें से ‘गण’ का अर्थ समूह या समुदाय होता है।वहीं ‘पति’ का अर्थ स्वामी या प्रभु माना जाता है।ऐसे में जब यह शब्द जुड़कर गणपति बनता है तो इसका अर्थ होता है सभी गणों के स्वामी।

वहीं बात करें बप्पा की तो यह ए​क मराठी शब्द है और इसका अर्थ पिता या पिताजी है।जब कोई बच्चा अपने पिता जी को बुलाता है तो उसमें बड़ी ही करुणा होती है और उसकी आवाज सुन पिता भी जल्दी उसकी बात सुनते हैं। यही भाव उस समय भी आता है जब भक्त गणेश जी को बप्पा कहकर बुलाते हैं।मोरया शब्द गोसावी से जुड़ा हुआ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि गोसावी नामक संत ने ही सबसे पहले भगवान गणेश को बप्पा मोरया कहा था।इसलिए गणपति बप्पा मोरया एक मंत्र नहीं,यह एक भावना है, भक्ति का आह्वान है, और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक का एक प्रमाण है।