शिक्षा विभाग के तथाकथित मॉफियाओं के खिलाफ डीएम सख्त, जांच में तेजी लाने का दिया निर्देश

बक्सर शिक्षा विभाग के तथाकथित मॉफियाओं अजय सिंह व अरविंद सिंह की मुश्किलें जल्दी ही बढ़ने वाली है। उनकी कारस्तानियों को सुन तथा अबतक जो बाते सामने आई है उसके आधार पर डीए डॉ. विद्यानंद सिंह दोनों के खिलाफ सख्त हो गए है। डीएम ने केशव टाइम्स को बताया कि जांच अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है और कहा है कि जांच रिपोर्ट आते ही दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा विभाग के तथाकथित मॉफियाओं के खिलाफ डीएम सख्त, जांच में तेजी लाने का दिया निर्देश

-- बोले जिलाधिकारी, जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा मॉफियाओं पर होगी सख्त कार्रवाई

-- अधिकारियों व शिक्षकों से मारपीट, धौंस जमाने, भयादोहन, ब्लैकमेलिंग तथा विभिन्न योजनाओं लूट-खसोट की कराई जा रही है जांच

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर शिक्षा विभाग के तथाकथित मॉफियाओं अजय सिंह व अरविंद सिंह की मुश्किलें जल्दी ही बढ़ने वाली है। उनकी कारस्तानियों को सुन तथा अबतक जो बाते सामने आई है उसके आधार पर डीए डॉ. विद्यानंद सिंह दोनों के खिलाफ सख्त हो गए है। डीएम ने केशव टाइम्स को बताया कि जांच अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है और कहा है कि जांच रिपोर्ट आते ही दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

जिलाधिकारी का कहना है कि शिक्षा विभाग में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाएगा तथा अधिकारियों के भयादोहन, सरकारी योजनाओं में हाउस कीपिंग एजेंसियों के नाम पर मची लूट पर रोक लगाई जाएगी तथा हाउस कीपिंग एजेंसियों की कार्यशैली तथा उनके वित्तीय लेन-देन की पड़ताल की जा रही है। दोषी पाए जाने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा उदेश्य जिले के सभी विभागों में ऐसा माहौल बनाना है, जहां अधिकारी भयमुक्त हो तथा पारदर्शिता के साथ विभागीय कार्यों का संपादन करें। अधिकारियों के साथ कार्यालय में मारपीट तथा सरकारी काम में बाधा पहंुंचाने वालों को जल्दी ही सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जल्दी ही इस मामले में कार्रवाई सभी के सामने होगी। 

जिलाधिकारी के इस तेवर के बाद शिक्षा विभाग में सक्रिय दलालों की मुश्किलें शीघ्र बढ़ सकती है। 

-- कई मामलों में चल रही है जांच

बता दें कि शिक्षा विभाग के कथित मॉफियाओं अजय तथा अरविंद के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है। जिसमें अपर समाहर्ता ( विभागीय जांच ) गिरिजेश कुमार के अलावे बक्सर सदर एसडीएम अविनाश कुमार तथा सदर एसडीपीओ गौरव पांडेय आदि को जांच अधिकारी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार दोनों मॉफियाओं पर सरकारी कार्यालय में घुस अधिकारी से बदसलूकी तथा धौंस जमाने, जिले में हाउस कीपिंग एजेंसियों के नाम पर सरकारी धन की उगाही, बेंच-डेस्क घोटाला, एमडीएम के थाली आपूर्ति में नियमों को ताक पर रखने तथा घोटाला करने, सरकारी विद्यालयों में बोरिंग के नाम पर लूट के अलावे अधिकारियों व शिक्षकों का भयादोहन, ब्लैकमेलिंग आदि कई आरोपों की जांच चल रही है। जिसमें सदर एसडीएम व डीएसपी मारपीट, दलाली की जांच कर रहे हैं। जबकि अपर समाहर्ता गिरजेश कुमार हाउस कीपिंग में कार्य आवंटन की जांच कर रहे हैं।

-- बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन के मिले है सबूत

हालांकि, अभी जांच चल ही रही है, इसी बीच केशव टाइम्स के हाथ हाउस कीपिंग एजेंसियों व शिक्षा मॉफियाओं के गठजोड़ तथा हाउस कीपिंग एजेंसी द्वारा शिक्षा मॉफियाओं तथा उनके परिजनों के खाते में लाखों रूपए के ट्रांजेक्शन के सबूत भी मिले है। केशव टाइम्स इसकी खबर भी प्रकाशित कर चुका है। जिसमें कलेक्ट्रेट के केनरा बैंक की शाखा से अरविंद सिंह, उसकी पत्नी तथा अजय के करीबियों के खाते में हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया द्वारा लाखों रूपए का ट्रांजेक्शन किया गया है। इसके अलावे एमडीएम के थाली खरीद में विभागीय निर्देशों को दरकिनार कर शिक्षा मॉफियाओं के इशारे पर थाली की खरीद की जिम्मेवारी भी अरविंद सिंह के साईं इंटर प्राइजेज सहित कुछ अन्य को दी गई है।

जबकि विभागीय निर्देश के तहत थाली की खरीददारी प्रधानाध्यापक व शिक्षा समिति के द्वारा की जानी थी। 

-- तत्कालीन स्थापना डीपीओ से मारपीट का वायरल हुआ है वीडियो

इसके अलावे 16 मार्च 2023 को नेहरू स्मारक स्कूल में संचालित होने वाले सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय में तत्कालीन स्थापना डीपीओ मो. शारिक अशरफ के साथ मारपीट के प्रयास व सरकारी काम में बाधा डालने का काम शिक्षा मॉफियाओं अजय व अरविंद के द्वारा किया गया था, जिसका एक सीसीटीवी वीडियो भी वायरल हुआ है। खास यह कि इस दौरान तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी भी वहां मौजूद थे।

बावजूद वे इस मामले में उनकी आरजू मिन्नत ही करते रहे। इस वायरल वीडियो से विभाग में उनके दबंगई तथा अधिकारियों के बीच खौफ का प्रमाण मिल रहा है। हालांकि, अब देखना है कि जिलाधिकारी के इस मामले में संज्ञान लेने तथा जांच में तेजी लाने का निर्देश देने के बाद अधिकारियों द्वारा क्या रिपोर्ट डीएम को दिया जा रहा है और इस पर क्या कार्रवाई हो रही है। इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही शिक्षकों की नजर गड़ी हुई है। 

विभागीय अधिकारियों ने नाम नहीं खोलने के शर्त पर बताया कि इनके आतंक से काम करना मुश्किल हो रहा है। वहीं, कई शिक्षकों ने भी दबे जुबां इनके आतंक तथा भयादोहन को स्वीकारा