दान, शिक्षा और राष्ट्रसेवा की मिसाल बनीं धरीक्षणा कुंवरी, डी.के. कॉलेज में श्रद्धा के साथ याद की गईं
शाहाबाद की धरती पर दान, त्याग और शिक्षा की अलख जगाने वाली पुण्यश्लोका धरीक्षणा कुंवरी की पुण्यतिथि शुक्रवार को डी.के. कॉलेज, डुमरांव में गरिमामय और प्रेरणास्पद वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम का नेतृत्व कॉलेज की प्रथम प्रचार्या प्रो. वीणा कुमारी ने किया, जिन्होंने धरीक्षणा कुंवरी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर पूजा-अर्चना की और उनके जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
केटी न्यूज/डुमरांव
शाहाबाद की धरती पर दान, त्याग और शिक्षा की अलख जगाने वाली पुण्यश्लोका धरीक्षणा कुंवरी की पुण्यतिथि शुक्रवार को डी.के. कॉलेज, डुमरांव में गरिमामय और प्रेरणास्पद वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम का नेतृत्व कॉलेज की प्रथम प्रचार्या प्रो. वीणा कुमारी ने किया, जिन्होंने धरीक्षणा कुंवरी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर पूजा-अर्चना की और उनके जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।इस अवसर पर प्रो. वीणा कुमारी ने कहा कि धरीक्षणा कुंवरी केवल एक दानवीर महिला नहीं, बल्कि शिक्षा और राष्ट्रभक्ति की सशक्त प्रतीक थीं।

उन्होंने अपने दान से स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों की नींव रखी, वहीं देश की आजादी के आंदोलन में भी अपना योगदान देते हुए महात्मा गांधी को अपने दोनों हाथों के कंगन दान कर दिए। प्रचार्या ने कहा कि डी.के. कॉलेज स्वयं उनके आदर्शों की जीवंत धरोहर है, जिसे शिक्षकों और विद्यार्थियों को मिलकर संवारना और आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि धरीक्षणा कुंवरी की जयंती को भी बड़े स्तर पर मनाया जाए, ताकि नई पीढ़ी उनके जीवन से प्रेरणा ले सके।

पुण्यतिथि समारोह में कॉलेज परिवार के साथ-साथ शिक्षाविदों और समाजसेवियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। पूर्व प्रचार्य डॉ. अरविंद कुमार सिंह, डॉ. राजू मोची, सीनेट सदस्य डॉ. विनोद कुमार सिंह सहित अनेक प्राध्यापकों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि धरीक्षणा कुंवरी का जीवन आज के समाज के लिए मार्गदर्शक है।कार्यक्रम में शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी सक्रिय सहभागिता रही। सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि दान, शिक्षा और सेवा की जिस परंपरा की नींव धरीक्षणा कुंवरी ने रखी, उसे आने वाली पीढ़ियों तक मजबूती से पहुंचाया जाएगा। समारोह ने कॉलेज परिसर को प्रेरणा और श्रद्धा के भाव से सराबोर कर दिया।
