उत्क्रमित उच्च विद्यालय नुआंव में प्रधानाध्यापक के पद पर संतोष ओझा ने किया योगदान, शैक्षणिक सुधार को बताया प्राथमिकता
उत्क्रमित उच्च विद्यालय नुआंव को वर्षों बाद एक स्थायी प्रधानाध्यापक मिला है। बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रधानाध्यापक प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद चौगाईं हाई स्कूल के शिक्षक संतोष ओझा ने सोमवार को इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद का कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विद्यालय में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया, जहां शिक्षकों द्वारा नवप्रभारी प्रधानाध्यापक का स्वागत फूल-मालाओं और बुके देकर किया गया। विद्यालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र पांडेय ने उन्हें विधिवत रूप से कार्यभार सौंपा।

केटी न्यूज/डुमरांव
उत्क्रमित उच्च विद्यालय नुआंव को वर्षों बाद एक स्थायी प्रधानाध्यापक मिला है। बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रधानाध्यापक प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद चौगाईं हाई स्कूल के शिक्षक संतोष ओझा ने सोमवार को इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद का कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विद्यालय में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया, जहां शिक्षकों द्वारा नवप्रभारी प्रधानाध्यापक का स्वागत फूल-मालाओं और बुके देकर किया गया। विद्यालय के पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र पांडेय ने उन्हें विधिवत रूप से कार्यभार सौंपा।
योगदान के उपरांत केशव टाइम्स से बातचीत में प्रधानाध्यापक संतोष ओझा ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाना और छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ भी पारदर्शी रूप से छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। ओझा ने यह भी कहा कि आज के तकनीकी युग में छात्रों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जा सकता, इसलिए उनका फोकस छात्रों को आधुनिक व तकनीकी शिक्षा के साथ जोड़ना और उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने पर होगा।
विद्यालय को स्थायी प्रधानाध्यापक मिलने से छात्रों, शिक्षकों और ग्रामीणों में उत्साह है। सभी को उम्मीद है कि अब विद्यालय में स्थायित्व आएगा और शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इस मौके पर एमपी उच्च विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक डॉ. विजय मिश्र, बास्टा के जिलाध्यक्ष विनोद चौबे, उच्च विद्यालय देवकुली के प्रभारी प्रधानाध्यापक महावीर ओझा, राजेश तिवारी समेत कई शिक्षकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। स्थानीय ग्रामीणों ने भी संतोष ओझा के अनुभव व नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताते हुए उम्मीद जताई है कि विद्यालय का भविष्य अब और उज्जवल होगा।