बक्सर के शिक्षा विभाग में नहीं चलने दिया जाएगा भ्रष्टाचार व मॉफियागिरी - सुनील कुमार

बक्सर के शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार, सरकारी धन के लूट-खसोट तथा मॉफियागिरी के खिलाफ राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने संज्ञान लिया है। गुरूवार को केशव टाइम्स के सीईओ अरविंद कुमार उर्फ चुन्नु चौबे उनसे मिल शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार तथा मॉफियागिरी की जानकारी दी तथा केशव टाइम्स द्वारा इस विषय पर चलाए जा रहे अभियान से भी अवगत कराया।

बक्सर के शिक्षा विभाग में नहीं चलने दिया जाएगा भ्रष्टाचार व मॉफियागिरी - सुनील कुमार

-- शिक्षा मंत्री से मिल केशव टाइम्स के सीईओ ने बक्सर शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार व मॉफियागिरी पर किया चर्चा

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर के शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार, सरकारी धन के लूट-खसोट तथा मॉफियागिरी के खिलाफ राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने संज्ञान लिया है। गुरूवार को केशव टाइम्स के सीईओ अरविंद कुमार उर्फ चुन्नु चौबे उनसे मिल शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार तथा मॉफियागिरी की जानकारी दी तथा केशव टाइम्स द्वारा इस विषय पर चलाए जा रहे अभियान से भी अवगत कराया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन व न्याय की सरकार चल रही है। सभी विभागों मे पारदर्शिता को अपनाने का सख्त निर्देश मुख्यमंत्री दे चुके है। वहीं, शिक्षा विभाग पर मुख्यमंत्री का खास ध्यान है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने के लिए सरकार द्वारा लंबे समय से प्रयास किया जा रहा है, जिसका सार्थक परिणाम अब दिखाई पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बक्सर के शिक्षा विभाग कार्यालय में चल रहे मॉफियागिरी के खेल तथा भ्रष्टाचार पर जल्दी ही अंकुश लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही बक्सर पहुंच इस मामले का खुद निरीक्षण करेंगे तथा अबतक विभाग व जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्रवाईयों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में हाउस कीपिंग एजेंसियों के चयन से लेक अवैध भुगतान तक पर हमारी नजर बनी हुई है। जल्दी ही इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी।  इस दौरान केशव टाइम्स के सीईओ ने शिक्षा मंत्री को बक्सर के शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार, अधिकारियों तथा शिक्षकों के भयादोहन व तथाकथित शिक्षा मॉफिया अजय सिंह व अरविंद की कारस्तानियों को भी बताया। जिसे सुन शिक्षा मंत्री काफी गंभीर हो गए। उन्होंने केशव टाइम्स के सीईओ को आश्वस्त किया कि जल्दी ही इस मॉफियागिरी पर लगाम लगेगी तथा भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, लूट-खसोट तथा मॉफियागिरी के खिलाफ केशव टाइम्स ने मुहिम छेड़ रखा है। पिछले एक पखवाड़े से जारी इस मुहिम के दौरान केशव टाइम्स द्वारा शिक्षा विभाग में सक्रिय तथाकथित मॉफियाओं की दबंगई, हाउस कीपिंग एजेंसियों के चयन में भेदभाव, एजेंसी द्वारा व्यक्तिगत खातो में अवैध ट्रांजेक्शन तथा मॉफियाओं के दबाव में आकर अधिकारियों द्वारा जांच अवधि में भुगतान आदि कई बिंदुओं पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर चुका है। बावजूद जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग अभी तक ऐसे तत्वों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है।

-- लाखों के ट्रांजेक्शन व अवैध चयन के आरोप के बावजूद नहीं हो रही है कार्रवाई

बता दें कि बक्सर के शिक्षा विभाग में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया के चयन को शिक्षा विभाग के तीन डीपीओ की संयुक्त जांच रिपोर्ट में गलत साबित किया गया था। इसके बाद बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने इस जांच रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए शिक्षा विभाग के बदले प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी जांच कराने की मांग की। जिसके बाद डीएम ने अपर समाहर्ता ( विभागीय जांच ) गिरिजेश कुमार के नेतृत्व में जिला स्तरीय तीन पदाधिकारियों की एक टीम गठित कर हाउस कीपिंग एजेंसियों के चयन व कार्यशैली की जांच का जिम्मा सौंपा।

इधर सदर एसडीएम तथा एसडीपीओ को भी शिक्षा विभाग में सक्रिय तथाकथित मॉफियाओं अजय सिंह तथा अरविंद सिंह पर लगे आरोपों की जांच का जिम्मा सौंपा गया। अभी यह जांच चल ही रहा था कि बुधवार आयोजित दिशा की बैठक में जांच के दौरान फर्स्ट आइडिया को स्थापना डीपीओ द्वारा किए गए भुगतान की जांच की मांग हुई तथा डीडीसी के नेतृत्व में एक और एसआईटी का गठन किया गया।

-- शीशे की तरह साफ है कई आरोप

बता दें कि हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया के चयन से लेकर कई ऐसे मामले में है जो शीशे की तरह साफ है तथा केशव टाइम्स पूरे प्रमाण के साथ खबर प्रकाशित कर शासन प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर चुका है।  मसलन नावानगर, डुमरांव तथा इटाढ़ी प्रखंडो में पूर्व से कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी जेकेएसबी स्कील इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को हटाने से पूर्व फर्स्ट आइडिया से सहमति पत्र लेना तथा जेकेएसबी को शो-कॉज देने की खानापूर्ति कर बिना जबाव मिले उसके जगह पर फर्स्ट आइडिया को वर्क ऑर्डर दिया जाना तथा फर्स्ट आइडिया द्वारा कलेक्ट्रेट स्थि

त केनरा बैंक की शाखा से अरविंद सिंह, उसकी पत्नी समेत चार खातों पर किया गया लाखों का ट्रांजेक्शन कुछ ऐसे मामले है, जिनका प्रमाण जांच टीम को खोजने में मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। बावजूद दोषियों पर कार्रवाई के बदले सिर्फ एसआईटी पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। जिससे इस बात की आशंका बढ़ने लगी है कि कही जांच के फेरे में शिक्षा विभाग में मची लूट तथा मॉफियागिरी पर शीघ्र लगाम नहीं लग पाएगी।