शिक्षक दिवस पर काली पट्टी बांध शिक्षकों ने दंडात्मक कार्रवाई का जताया विरोध
- शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर शिक्षकों ने बांधी थी काली पट्टी
- शिक्षकों पर हुए दंडात्मक कार्रवाई को वापस लेने की हुई मांग
केटी न्यूज/डुमरांव
शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों ने काली पट्टी बांध सरकार द्वारा शिक्षकों पर किए गए दंडात्मक कार्रवाई का विरोध जताया। यह विरोध शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर डुमरांव प्रखंड के शिक्षकों ने किया था। सभी शिक्षक अपने अपने विद्यालयों में काली पट्टीह बांध ड्यूटि बजाते दिखे। इस अवसर पर शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रखण्ड अध्यक्ष कमलेश पाठक ने कहा कि सरकार शान्ति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई की है उसे अविलंब वापस ले अन्यथा बाध्य होकर हमे आन्दोलन करना पड़ेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। जिला प्रतिनिधि संजय सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षकों को तरह तरह के जांच और दंडात्मक कार्रवाई करके शिक्षक शब्द की मर्यादा ही खत्म कर रही है। कभी शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया जाता था आज शिक्षक निरीह प्राणी बनकर रह गए है।
हद तो यह है कि उनका जांच तालीमी मरकज, विकास मित्र, डाटा एंट्री ऑपरेटर, और शिक्षा सेवकों जैसे उनके निम्न संवर्ग के कर्मियों से करवाया जा रहा है, जो शिक्षकों का घोर अपमान है। इस अवसर पर शिक्षकों ने सरकार द्वारा उन्हें अपमानित करने की बात कही और शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर विरोध स्वरूप काला पट्टी बांधकर काला दिवस के रूप में मनाया। काली पट्टी बांधने वालों में प्रखण्ड के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शामिल हुए।
इसमें मुख्य रूप से नवनीत कुमार, नरेश कुमार, जितेन्द्र ठाकुर, उपेन्द्र पाठक, गौतम कुमार, अनिल कुमार, रविन्द्र नाथ सिंह, जगजीवन राम, अनिता यादव, कामरान अहमद, जितेंद्र पाण्डेय, जयप्रकाश यादव, स्नेहा कुमारी, पुष्पा कुमारी, उर्मिला कुमारी, प्रियंवदा राय, रजनीश सिंह, श्रीमन्नारायण पाण्डेय, सरोज राज, लक्ष्मी कुमारी, अरुण श्रीवास्तव, रामजीत सिंह, परमानंद चैबे, प्रमोद ठाकुर आदि सैकड़ों शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल थे।