इंटरमीडिए कला संकाय में कोरानसराय का साकिब बना संयुक्त टॉपर, मिली बधाई
प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती, सेल्फ स्टडी के बदौलत बिहार इंटरमीडिएट कला संकाय की परीक्षा में संयुक्त टॉपर बने कोरानसराय प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्र साकिब साह ने इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है।

- वैशाली की अंकिता व साकिब साह को मिला एक बराबर 473 अंक, प्लस टू उच्च विद्यालय कोरानसराय का छात्र है साकिब, बीपीएससी कै्रक कर डीएसपी बनना चाहता है साकिब
केटी न्यूज/डुमरांव
प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती, सेल्फ स्टडी के बदौलत बिहार इंटरमीडिएट कला संकाय की परीक्षा में संयुक्त टॉपर बने कोरानसराय प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्र साकिब साह ने इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है।
बिना किसी ट्यूशन या कोचिंग के उसने पूरे बिहार में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है तथा कला संकाय में वैशाली की अंकिता के साथ संयुक्त टॉपर बना है। उसे तथा अंकिता को एक बराबर 473 अंक मिले है। इसके पहले वर्ष 2023 की मैट्रिक परीक्षा में भी वह जिला टॉपर रह चुका है।राज्य स्तर पर प्रथम स्थान आने पर साकिब तथा उसके माता पिता समेत पूरा गांव आह्लादित हो उठा है। उसके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। उसकी सफलता ने परिवार को गौरवान्वित कर दिया है।
क्रॉस एग्जामिन में सबको किया प्रभावित
साकिब ने बताया कि रिजल्ट तैयार होने के बाद जैसे ही मैं अपने संकाय का टॉपर चयनित हुआ तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मेरे अलावे अन्य टॉपर स्टूंडेंट का क्रॉस एक्जामिन किया गया। 19 मार्च को क्रॉस एक्जामिन के लिए मैं बोर्ड ऑफिस गया था, वहां विशेषज्ञों की टीम ने परीक्षा के दौरान पूछे गए सवालों के अलावे कई अन्य सवाल पूछे, जिसका मैने बखूबी जबाव दिया। इसके बाद ही फाइनल रिजल्ट जारी हुआ।
शिक्षक है पिता तो माता है गृहिणी
साकिब मूल रूप से कोरानसराय का रहने वाला है। उसके पिता मो. शमीम शिक्षक है तथा वर्तमान में वे प्राथमिक विद्यालय बासगीतिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक है। दो भाई व एक बहन में बड़े साकिब शुरू से ही मेधावी रहा है।
माता-पिता व गुरूजनों को दिया सफलता का श्रेय, बताया मार्गदर्शक
वह मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण करने के बाद 11वीं कक्षा में विज्ञान संकाय में नामांकन कराया था, लेकिन उसके मेंटोर सह अभिभावक पिता, चाचा व मौसा की सलाह पर वह 12वी कक्षा में विज्ञान को छोड़ कला संकाय में नामांकन कराया तथा कठिन परिश्रम कर अपने इस फैसले को सही साबित कर दिखाया है।
बातचीत के दौरान साकिब ने बताया कि उसके पिता, चाचा व शिक्षकों के बदौतल ही उसे यह सफलता मिली है। उसने खासकर स्कूल के भूगोल के शिक्षक रामजन्म सर, शिक्षक राहुल मिश्र आदि को विशेष प्रेरणास्श्रोत बताया।
बीपीएससी कै्रक कर डीएसपी बनना चाहता है साकिब
साकिब से जब उसके लक्ष्य के संबंध में जानकारी ली गई तो वह बड़े सहज अंदाज में बताया कि वह बीपीएससी कै्रक कर डीएसपी बन समाज की सेवा करना चाहता है। उसने बताया कि इसकी प्रेरणा उसे अपने खाला ( मौसा ) से मिली हैं। साकिब ने बताया कि वह अभी से ही इसकी तैयारी में जुट गया है। उसने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं को देखते हुए ही मैने साइंस छोड़ कला संकाय की पढ़ाई शुरू किया हूं।
खुद का यू-ट्यूब चैनल चला छात्रों को पढ़ाता भी है साकिब
कम उम्र में ही साकिब काफी मेच्योर जैसा काम कर रहा है। वह हाई स्कूल के तक छात्रों को पढ़ाता भी है। इसके लिए उसने साकिब साह स्टडी हब के नाम से अपना यू-ट्यूब चैनल भी बनाया है, जिस पर नौ हजार से अधिक फालोवर है।