शिक्षिका शोभा सिंह को निलंबनमुक्त करने में डीईओ ने झाड़ा पल्ला, बीडीओ ने बताया मानवीय आधार
बक्सर के शिक्षा विभाग में सक्रिय तथाकथित दलाल अजय सिंह की शिक्षिका पत्नी शोभा सिंह को नियमविरूद्ध निलंबनमुक्त करना सवालों के घेरे में आ गया है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आजाद गिरी ने लोक शिकायत में परिवाद दायर कर रखा है। आजाद गिरी की माने तो सुनवाई के दौरान लोक शिकायत पदाधिकारी ने इस मामले में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी से जबाव मांगा था

-- बिना नियोजन इकाई की बैठक कराए तथा विभाग से मार्गदर्शन लिए सिमरी बीडीओ ने किया है निलंबनमुक्त, तथाकथित दलाल अजय सिंह की पत्नी है शिक्षिका शोभा सिंह
-- निलंबनमुक्त करने को चुनौती देते हुए लोक शिकायत में दायर किया गया है परिवाद
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर के शिक्षा विभाग में सक्रिय तथाकथित दलाल अजय सिंह की शिक्षिका पत्नी शोभा सिंह को नियमविरूद्ध निलंबनमुक्त करना सवालों के घेरे में आ गया है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आजाद गिरी ने लोक शिकायत में परिवाद दायर कर रखा है। आजाद गिरी की माने तो सुनवाई के दौरान लोक शिकायत पदाधिकारी ने इस मामले में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी से जबाव मांगा था
कि आखिर क्यों बिना नियोजन इकाई की बैठक कराए या विभाग से मार्गदर्शन लिए शोभा सिंह को निलंबनमुक्त कर दिया गया। हालांकि, इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने साफ पल्ला झाड़ते हुए इसके लिए सिमरी बीडीओ को जिम्मेवार बताया। जिसके बाद लोक शिकायत पदाधिकारी ने सिमरी बीडीओ से भी जबाव मांगा, जिसके जबाव में सिमरी बीडीओ ने बताया है कि वे मानवीय आधार पर नियोजन इकाई की बैठक की प्रत्याशा में उक्त शिक्षिका को निलंबनमुक्त किया गया है।
यहां सवाल उठता है कि क्या सिमरी बीडीओ ने इसके अलावे भी किसी अन्य मामले में मानवीय आधार पर फैसला लिया है क्या। वहीं, निलंबनमुक्त करते ही शायद शिक्षा विभाग द्वारा मानवीय आधार पर ही निलंबन अवधि के बकाए का भुगतान भी कर दिया गया है। जबकि इस दौरान निलंबन अवधि में उक्त शिक्षिका के कार्यों का मूल्यांकन, फेस ऐप से बनाए गए हाजिरी की आदि की जांच भी नहीं की गई है।
यह भी दिलचस्प संयोग है कि ऐसे नियमविरूद्ध कार्य भी उन्हीं मामलों में किए गए है जहां तथाकथित दलाल अजय सिंह या अरविंद सिंह के नाम जुड़े है। इसके अलावे अन्य किसी मामले में नियमों से छूट देने वाले मामले भी सामने नहीं आए है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है।
अब देखना है कि सिमरी बीडीओ के इस जबाव पर लोक शिकायत पदाधिकारी क्या रूख अपनाते है।
जबकि, विभागीय नियमों में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी नियोजित शिक्षक को निलंबित करने, चयनमुक्त करने तथा निलंबन तोड़ने की कार्रवाई नियोजन इकाई की बैठक में ही करनी है। नियमावली में इस बात का भी जिक्र है कि यदि प्रमुख का पद रिक्त रहता है तो उप प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी तथा प्रमुख व उप प्रमुख दोनों का पद रिक्त रहने पर विभागीय मार्गदर्शन लिया जाना है।
लेकिन, सिमरी प्रखंड के प्रमुख व उप प्रमुख का पद रिक्त होने के बाद बीडीओ ने विभागीय मार्गदर्शन लेना भी मुनासिब नहीं समझा।