आज है 'अखुरथ संकष्टी चतुर्थी' भगवान गणेश के पूजन से दूर होंगे जीवन के संकट
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत, जिसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, 18 दिसंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं।
केटी न्यूज़/दिल्ली
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत, जिसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, 18 दिसंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं या आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
व्रत तिथि और समय
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 18 दिसंबर 2024 को सुबह 10:43 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 19 दिसंबर 2024 को सुबह 10:02 बजे
चंद्रोदय समय: रात 8:10 बजे
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।घर के पूजा स्थल को साफ कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। दीपक जलाकर भगवान गणेश को कुमकुम, चंदन, फूल, और दूर्वा अर्पित करें। मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। गणेश मंत्रों का जाप करें और व्रत कथा सुनें।रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।व्रत के दिन निराहार रहें या फलाहार करें।पूजा में दूर्वा और मोदक का विशेष महत्व है, इन्हें अवश्य अर्पित करें।