क्या है 'शिवा मुट्ठी',जाने सावन में क्या है इसका विशेष महत्व

भगवान शिवजी के प्रिय माह सावन की शुरुआत हो चुकी है।इस महीने भक्त भोले बाबा को खुश करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा पाठ और व्रत करते हैं।

क्या है 'शिवा मुट्ठी',जाने सावन में क्या है इसका विशेष महत्व
Sawan

केटी न्यूज़/दिल्ली

भगवान शिवजी के प्रिय माह सावन की शुरुआत हो चुकी है।इस महीने भक्त भोले बाबा को खुश करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा पाठ और व्रत करते हैं।इस माह पूजा-पाठ और अभिषेक के साथ भगवान को अनाज चढ़ाने का भी विधान है, इसे शिवा मुट्ठी कहा जाता है।भोलेनाथ को मनोकामना पूर्ति के लिए सावन में शिवा मुट्ठी यानी एक मुट्ठी अनाज चढ़ाई जाती है। इससे भक्त के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान शिवजी की कृपा से घर पर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती।आइए जानते हैं सावन माह में ‘शिवा मुट्ठी’ में कौन से 5 अनाज चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं महादेव।

1.अरहर दाल-धन-ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए सावन में भगवान शिव को एक मुट्ठी अरहर की दाल अर्पित करनी चाहिए। शिवलिंग पर पीली अरहर की दाल अर्पित करना शुभ होता है और इससे महादेव प्रसन्न होते हैं।

2.अक्षत-शिवजी के प्रिय माह सावन में एक मुट्ठी अक्षत् या चावल चढ़ाना भी बेहद शुभ होता है। इससे धन लाभ होता है और धन संबंधी परेशानियां भी समाप्त होती हैं, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शिवा मुट्ठी के लिए आप जो अक्षत् ले रहें हैं, वह साबुत हो।अक्षत् का कोई भी दाना टूटा हुआ नहीं होना चाहिए।

3.गेहूं-सावन माह में शिवजी को एक मुट्ठी गेहूं चढ़ाने से व्यक्ति को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं।संतान सुख की प्राप्ति के लिए आप सावन में शिवा मुट्ठी में गेहूं जरूर चढ़ाएं।

4.काला तिल-शनि देव के साथ ही भगवान शिव को भी काला तिल चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि सावन माह में शिवजी को एक मुट्ठी काला तिल चढ़ाने से घर से कलह-क्लेश समाप्त होते हैं।इसके साथ ही मानसिक और शारीरिक परेशानियां भी दूर होती हैं।

5.मूंग की दाल-सावन माह में शिवलिंग पर पीली मूंग की दाल अर्पित करें। ऐसा करने से काम में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

सावन सोमवार में शिव को शिवामुट्ठी चढ़ाने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। कलह और कलेश से भी छुटकारा मिलता है। शनि दोष से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।