रघुनाथपुर स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा खतरे में, बेफिक्र बना है रेल प्रशासन
रेल मंत्रालय की महत्वाकांक्षी अमृत भारत परियोजना के तहत रघुनाथपुर स्टेशन का कायाकल्प करने का दावा किया गया था। करोड़ों रुपये की लागत से बने प्लेटफॉर्म और यात्री सुविधाओं को लेकर स्थानीय लोगों में उम्मीदें बंधी थीं, लेकिन छह महीने भी नहीं गुजरे कि निर्माण की पोल खुलने लगी। हल्की बारिश में ही प्लेटफॉर्म पर जलजमाव और दरारें सामने आ गई हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। वहीं, इस मामले में रेल प्रशासन बेेफिक्र बना है, जिससे किसी दिन बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

-- छह महीने पहले बने प्लेटफॉर्म पर दरारें, जलजमाव और गंदगी ने बढ़ाई दुर्घटना की आशंका
केटी न्यूज/ब्रह्मपुर
रेल मंत्रालय की महत्वाकांक्षी अमृत भारत परियोजना के तहत रघुनाथपुर स्टेशन का कायाकल्प करने का दावा किया गया था। करोड़ों रुपये की लागत से बने प्लेटफॉर्म और यात्री सुविधाओं को लेकर स्थानीय लोगों में उम्मीदें बंधी थीं, लेकिन छह महीने भी नहीं गुजरे कि निर्माण की पोल खुलने लगी। हल्की बारिश में ही प्लेटफॉर्म पर जलजमाव और दरारें सामने आ गई हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। वहीं, इस मामले में रेल प्रशासन बेेफिक्र बना है, जिससे किसी दिन बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
-- दरारों में उग आए दो फीट लंबे घास
प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन की ढलाई हाल ही में पूरी हुई थी। लेकिन थोड़े समय बाद ही जगह-जगह दरारें पड़ गईं। इन दरारों में अब दो-दो फीट लंबे घास-फूस उग आए हैं। यात्रियों का कहना है कि यह साफ संकेत है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। यही नहीं, प्लेटफॉर्म पर बने शौचालय की दीवारें भी झरने लगी हैं और अंदर गंदगी का अंबार है। यात्रियों के मुताबिक, वहां जाना मुश्किल है और यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन चुका है।
-- महिला यात्री फिसलकर गिरी, टला हादसा
स्थानीय समाजसेवी एवं रेल यात्री कल्याण समिति से जुड़े शैलेश कुमार ओझा ने बताया कि मंगलवार की सुबह प्लेटफॉर्म नंबर दो पर जलजमाव के कारण एक महिला यात्री फिसल कर गिर गई। सौभाग्य से उस समय कोई ट्रेन प्लेटफॉर्म पर नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने तुरंत दानापुर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर स्थिति से अवगत कराया। अधिकारियों ने शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन यात्रियों का कहना है कि समस्या पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
-- स्टेशन प्रबंधक बोले, मेरी जिम्मेदारी नहीं
जब यात्रियों ने स्टेशन प्रबंधन से शिकायत की तो वहां तैनात अधिकारी डीके सिंह ने साफ कहा कि साफ-सफाई और जलजमाव उनकी जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने यात्रियों को दानापुर कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दे दी। इस रवैये से यात्रियों का गुस्सा और बढ़ गया।स्टेशन पर फिलहाल सिर्फ दो सफाईकर्मी तैनात हैं, जो इतने बड़े स्टेशन पर साफ-सफाई और रखरखाव के लिए नाकाफी हैं।
-- 20.5 करोड़ की योजना पर उठ रहे सवाल
अमृत भारत परियोजना के अंतर्गत रघुनाथपुर स्टेशन के विकास पर 20.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। कुछ काम शुरू भी हो चुके हैं, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की शिकायत के बाद फिलहाल कार्य रोक दिया गया है।स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब शुरुआत ही ऐसे काम से हो रही है तो परियोजना का भविष्य कैसा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
-- जन आंदोलन की चेतावनी
सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से जुड़े शैलेश ओझा, शंभू चंद्रवंशी, अजय उपाध्याय, विशाल सिंह, आनंद शर्मा, मनोज चौधरी, उमेश कुमार, मु. जावेद, मंटू सहित अन्य लोगों ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वाेपरि है। अगर जल्द ही रेल प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए तो इसके खिलाफ बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
-- दांव पर लगती है यात्रियों की जान
रघुनाथपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की दरारें, जलजमाव और गंदगी यात्री सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचा रही हैं। करोड़ों की योजनाओं के बावजूद यदि यात्रियों की मूलभूत सुविधाएं और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही, तो यह न केवल रेलवे प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि यात्रियों की जान को भी दांव पर लगाता है।