जांच के पेंच में फंसा स्कूलों में लगे समरसेबल का भुगतान, कार्यालय का चक्कर लगा रहे संवेदक

शिक्षा विभाग की कार्यशैली हमेशा सुर्खियों में रहती है। इस बार सरकारी स्कूलों में लगे समरसेबल के भुगतान में जांच का पेंच फंसने से विभाग एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। स्कूलों में समरसेबल लगा पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाले संवेदक भुगतान केे लिए पिछले छह महीने से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास दौड़ लगा रहे है,

जांच के पेंच में फंसा स्कूलों में लगे समरसेबल का भुगतान, कार्यालय का चक्कर लगा रहे संवेदक

- लगातार दूसरे दिन भी संवेदकों के लंबित भुगतान नहीं हो सका रास्ता साफ

- कार्य पूर्ण होने के छह माह बाद भी नहीं हो सका है भुगतान, 31 मार्च को समाप्त हो जाएगा वित्तीय वर्ष

केटी न्यूज/बक्सर

शिक्षा विभाग की कार्यशैली हमेशा सुर्खियों में रहती है। इस बार सरकारी स्कूलों में लगे समरसेबल के भुगतान में जांच का पेंच फंसने से विभाग एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। स्कूलों में समरसेबल लगा पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाले संवेदक भुगतान केे लिए पिछले छह महीने से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास दौड़ लगा रहे है,

वहीं पिछले दो दिनों से वे जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलने के लिए कार्यालय आ रहे है, लेकिन न तो मुलाकात हो पाई और न ही उनके बकाये विपत्र के भुगतान की दिशा में विभाग ने कोई ठोस कदम उठाया है। जबकि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाएगा। जिसके बाद भुगतान होना मुश्किल हो जाएगा। 

बता दें कि इस वित्तीय वर्ष में जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में समरसेबल, चाहरदीवारी निर्माण, बिजली मरम्मति सहित कई अन्य विकास के कार्य कराए गए है। लेकिन, कार्य पूर्ण होने के बाद भी करीब छह माह से विभाग द्वारा संवेदकों को निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसी भुगतान के लिए संवेदक जिला शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। नाराज संवेदकों ने डीईओ के खिलाफ डीएम को आवेदन दिया है।

भौतिक जांच के पेंच में फंसा है भुगतान

संवेदक कविंद्र कुमार सिंह, पुनित कुमार सिंह, दीपक पाठक, शुभम तिवारी, बिट्टू चौबे, हरिओम यादव, अभिषेक कुमार पांडेय सहित अन्य ने बताया कि जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश पर ही उनलोगों ने कार्य कराया था। मानक के अनुसार विद्यालयों में सिविल वर्क पूर्ण कराया गया था, इसके बाद कनीय व सहायक अभियंता ने जांच कर भुगतान की अनुशंसा किए थे। अंतिम रूप में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय के यहां फाइल भेजा गया तो वे टाल-मटोल करने लगे तथा मार्च के अंतिम समय में भुगतान के लिए डीपीओ (लेखा-योजना) चंदन द्विवेदी के पास भेजा तथा भुगतान से पूर्व भौतिक सत्यापन का पेंच फंसा दिया। जिस कारण मामला लंबित हो गया है। 

इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा अभियान) शारिक अशरफ ने बताया कि संवेदक जब भी कार्य दिया गया था उसी समय अभियंताओं को निर्देश दिया था कि उनकी देखरेख में कार्य पूर्ण होगा। संतुष्टिपूर्ण कार्य होने के बाद ही भुगतान की अनुशंसा की जाएगी। भविष्य में कार्य में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसके लिए संवेदकों से शपथ पत्र भी लिया गया था। 

वहीं डीपीओ (लेखा योजना) चंदन द्विवेदी ने बताया कि संवेदकों के भुगतान से संबंधित फाइल मार्च के अंतिम सप्ताह में भेजा गया। इसमें भौतिक सत्यापन के बाद भुगतान इंगित है। जिस कारण भुगतान में विलंब हो रहा है। वहीं, संवेदकों का स्पष्ट कहना है कि उनके भुगतान को जानबूझकर लंबित किया जा रहा है, ताकि वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाए और राशि लौट जाए।