ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर शहर में निकाली गई जुलूशे-मोहम्मदी, नारों से गूंजा शहर
- इस्लाम के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर मनाई जाती है मिलाद-उन-नबी का त्योहार
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्साह के साथ मनाया गया पैगंबर मोहम्मद की जयंती
केटी न्यूज/डुमरांव
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मजहबी नारों के साथ शहर में विशाल काफिला निकाला। काफिले में रंग-बिरंगे परिधानों में शामिल बच्चें, बूढ़े, युवा सभी उत्साहित नजर आ रहे थे। गाजे-बाजे के साथ निकले इस काफिले में मुस्लिम भाईयों का उल्लास देखते ही बन रहा था। नूरे इस्लाम कमिटी तकिया मोहल्ला के अलावे कई अन्य कमिटियों द्वारा आयोजित काफिला शहर के पुराना थाना रोड, जंगल बाजार, चौक रोड, गोला रोड, स्टेशन रोड से गुजरते हुए तकिया मस्जिद पर पहुंच कर समाप्त हुआ। गंगा-जमुनी तहजीब को पेश करते हुए काफिला में शामिल सभी लोग गगनभेदी मजहबी नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। काफिला में शामिल छोटे-बड़े मजहबी झंडे और रंग-बिरंगी पगड़िया आकर्षण का केंद्र बना था।
सुरक्षा को लेकर काफिला के अलावे जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। कमिटी के अध्यक्ष मो डम्पी हाशमी, समीर हाशमी, शहजाद हाशमी, गुड्डू, आफताब, मंजूर आदि ने बताया कि यह उत्सव संपूर्ण मानवता को एकता के सूत्र में बांधने का सीख देता है। काफिला में शामिल होना सबसे बड़ा नेकी होता है। हजरत साहब के आदर्शों का पालन करने का संकल्प लिया गया और अमन-चैन की दुआ मांगी गयी। डुमरांव के साथ ही बक्सर, नावानगर, सिमरी, केसठ, ब्रह्मपुर आदि प्रखंडों में भी जुलूशे मोहम्मदी का आयोजन कर पैगंबर हजरत साहब के संदेशों का याद कर उस पर अमल करने का संकल्प लिया गया।
पैगंबर साहब ने मानव समाज के फलाह व तरक्की का दिया था संदेश
बता दें कि इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर साहब ने मानव समाज के फलाह, तरक्की व खुशनुदी का संदेश दिया था। उनका पैगाम प्रेम, सहिष्णुता, शांति, विश्व बंधुत्व का था। यही कारण है कि मिलाद उन नबी का त्योहार आपसी सौहार्द्र, प्रेम व सहिष्णुता के साथ मनाया जाता है। गुरूवार को जुलूशे मोहम्मदी के दौरान यह देखने को भी मिला।
किरनी में ईद उल मिलाद उन नबी के अवसर पर निकाला गया जुलूस
केटी न्यूज/केसठ
प्रखंड के विभिन्न गांवों में मिलाद-उन-नबी गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर किरनी गांव में जूलुस निकाला गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय सहित अन्य समुदाय के लोग शामिल हुए। जुलूस मस्जिद से निकलकर गांव के विभिन्न गली-मुहल्लों, चौक-चौराहों से होते हुए पुनः मस्जिद पहुंच कर संपन्न हुआ। इससे पूर्व मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज अदा किया। जुलूस का नेतृत्व किरनी मदीना मस्जिद के इमाम कारी मकसूद अली ने किया। उन्होंने कहा कि हजरत
साहब ने आपस में प्रेम भाईचारे का संदेश दिया है। जिसे अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने सादगीपूर्ण जीवन जीने का संदेश दिया है। सुबह में कुरान खानी, फातेह खानी और मिलाद उन नवी का कार्यक्रम हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान नारों से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा। मौके पर पूर्व बीडीसी इजराईल अंसारी, सलामत अली, इसराफिल अंसारी, शैयद अली, नियामत हुसैन, फुल मोहम्मद अंसारी, अख्तर हुसैन, सुहैल अंसारी समेत अन्य लोग मौजूद थे।