आशा संधारित करेंगी राशनकार्ड धारी टीबी के इलाजरत मरीजों की सूची: डीएम

आशा संधारित करेंगी राशनकार्ड धारी टीबी के इलाजरत मरीजों की सूची: डीएम
टीबी फोरम की बैठक करते डीएम व सीएस

- जिला टीबी फोरम की बैठक में जिलाधिकारी  ने की राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा 
- रेडक्रास सोसायटी टीबी मरीजों को लेगा गोद, उपलब्ध कराएगा पोषण की पोटली

केटी न्यूज/बक्सर : जिले में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की प्रगति की समीक्षा को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में जिला टीबी फोरम की बैठक संपन्न हुई। इस दौरान सिविल सर्जन सह सीडीओ डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने पिछले एक साल में एनटीईपी में किए गए कार्यों के संबंध में बताया कि 2022 में बिहार में लक्ष्य के अनुरूप 79.6% लोगों का निक्षय पोर्टल पर नोटिफिकेशन किया गया। जिसमें बक्सर जिले में 97 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। वहीं, 2021 में नोटिफाइड मरीजों में 67 प्रतिशत का सफल इलाज हुआ। , गत वर्ष में जिले में माइक्रो बायोलॉजिकल टेस्ट 85 प्रतिशत व क्लिनिकल टेस्ट 15 प्रतिशत हुआ।  साथ ही, यूनिवर्सल ड्रग सेंसटिव टेस्ट 57 प्रतिशत मरीजों का किया गया। इसके अलावा टीबी के 97 प्रतिशत मरीजों में एचआईवी टेस्ट की जा चुकी है। इन सब के इतर निक्षय पोषण योजना के तहत 32 प्रतिशत मरीजों के खाते में राशि भेजी गई है।

टीबी मरीजों का बेसलाइन डाटा तैयार किया जाए :

जिलाधिकारी अमन समीर ने सिविल सर्जन को कहा कि टीबी रेफरल के मामले में सभी प्रखंडों की समीक्षा की जाए और नीचे से पांच एमओआईसी को अगली बैठक में बुलाएं। साथ ही, टीबी मरीजों का बेसलाइन डाटा तैयार किया जाए। इस क्रम में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के दौरान सभी आशा कर्मी अपने संबंधित क्षेत्र में 20-20 घरों को चिह्नित करते हुए टीबी के नए मरीजों की खोज करें। साथ ही, प्राइवेट सेक्टर के चिकित्सकों के साथ बैठक कर नोटिफिकेशन और अन्य मुद्दों पर विमर्श करते हुए बक्सर जिले और अन्य जिलों के इलाजरत मरीजों की सूची अलग अलग तैयार करें। जिससे पता चल सके कि  बक्सर जिले में टीबी के नोटिफाइड मरीज कितने हैं। इससे जिले की जनसंख्या के आधार पर टीबी के मरीजों की वास्तविक संख्या के आधार पर उनका फॉलोअप किया जा सके।

रेडक्रॉस सोसायटी ले मरीजों को गोद 

जिलाधिकारी ने निक्षय मित्र योजना के तहत रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव श्रवण तिवारी को टीबी मरीजों को गोद लेने की सलाह दी। ताकि, टीबी के मरीजों को नियमित रूप से पोषण की पोटली उपलब्ध कराई जा सके। जिस पर रेडक्रॉस सचिव ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया की अगले माह से वो टीबी मरीजों को गोद लेने की कार्यवाही शुरू करेंगे। साथ ही, दूसरे लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। वहीं, जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा एक सर्वे कराया जाए। जिसमें ऐसे टीबी मरीजों को चिह्नित किया जाए जिनके पास राशनकार्ड है। इसके आधार पर राशनकार्ड धारी टीबी मरीजों को चावल व गेहूं की जगह पोषण की पोटली उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए जिले के सभी एसडीएम के साथ बैठक कर एक रुपरेखा तैयार की जाएगी। जिससे भविष्य में टीबी मरीजों को पीडीएस के माध्यम से ही पोषण की पोटली मिल सके। वहीं, जिन मरीजों को पोषण राशि का भुगतान नहीं हुआ है, उनके खाते में राशि भेजने के लिए विशेष शिविर लगाया जाए। बैठक में डीपीएम मनीष कुमार, डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी कंसल्टेंट डॉ. कुमार बिज्येंद्र सौरभ, यूनिसेफ एसएमसी शगुफ्ता जमील, सीफार के अमित सिंह, बीजीवीएस के सत्य प्रकाश, एड्स डिपार्टमेंट के नरेंद्र कुमार पांडेय, टीबी चैंपियन किरण कुमारी, कामेंद्र सिंह, रिंकू कुमारी, डीपीसी कुमार गौरव, डीटीसी लिपिक मनीष कुमार, डीपीएस उत्तम कुमार, एसटीएलएस राहुल कुमार, डीईओ विजय प्रताप यादव समेत टीबी फोरम के अन्य सदस्य शामिल रहे।