ठंड के मौसम में नवजात और बच्चों का रखें विशेष ख्याल : डॉ अशोक
- सर्दी- जुकाम की अनदेखी करने से बच्चों में निमोनिया का खतरा
केटी न्यूज/सासाराम। ठंड के दिनों में बदलते मौसम और तापमान में उतार-चढ़ाव कई सारी शारीरिक समस्याओं की वजह बन जाती है। ऐसे मौसम में छोटे बच्चों पर इसका असर और ज्यादा देखा जाता है। खासकर 0 से 6 साल की उम्र के बच्चों को ठंड के मौसम में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ठंडी और रूखी हवा, रात और सुबह में अचानक तापमान का गिरना बच्चों में बीमारी का कारण बनता है। ठंड के मौसम में बच्चों को सर्दी जुकाम ही परेशान नहीं करता बल्कि बुखार, उल्टी- दस्त, स्किन इनफेक्शन, रैशेज, ड्राई कफ, पेट दर्द , फुंसियां, निमोनिया ज्यादा परेशान करता है। यदि सर्दी और जुकाम को लेकर सावधानी न बरती जाए तो यह निमोनिया का रूप ले लेता जो बच्चों के लिए काफी घातक हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो ठंड के मौसम में बच्चों में सर्दी-जुकाम एवं खांसी होना आम बात है। इसलिए इस दौरान डॉक्टरी सलाह लेने की हिदायत भी दी जाती है।
ठंड से बच्चों की करें सुरक्षा :
डॉक्टरों की मानें तो ठंड से बचाव करने का आसान एवं आम तरीका होता है बच्चों के ढेर सारे गर्म कपड़े पहना देना। साधारण कपड़ों के ऊपर से ऊनी कपड़ा, टॉय, मोजा पहना कर बच्चे को सुरक्षित रखा जाता है। गर्म कपड़े ऐसे हो जिससे बच्चे का सिर मुंह, नाक और छाती ढकी रहे। इसके अलावा सुबह शाम बच्चे के सिर से पूरे शरीर तक हल्के हाथों से सरसो या जैतून तेल से मालिश करनी चाहिए,। क्योंकि मालिश करने से बच्चे की त्वचा मॉश्चराइज रहती है। साथ ही साथ ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है। इससे नींद अच्छी आती है। इसके अलावा बच्चों के आसपास सफाई भी जरूरी है।
सर्दी जुकाम को न करें नजरअंदाज :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों को होनी वाली सर्दी जुकाम को नजरअंदाज न करें। खासकर बदलते मौसम में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों में होने वाली सर्दी जुकाम निमोनिया का कारण बनता है। इसलिए सर्दी खांसी होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें नहीं तो निमोनिया बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
पहनाएं गर्म कपड़े :
डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ठंड के दिनों में बच्चों को गर्म एवं ऊनी कपड़े पहनाएं। इलेक्ट्रिक हीटर का परहेज करते हुए ऊनी स्वेटर, टोपी और पैरों में मौजे पहनाकर ठंड से बचाव करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गर्म कपड़े इतने अधिक भी ना हो कि बच्चे असहज महसूस करें। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि यदि घर में मौजूद बच्चे को सर्दी- जुकाम या खासी दो-तीन दिन से ज्यादा बनी रहे तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। सर्दी के मौसम में बच्चों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।