कल से शहनाई बजना हुआ शुरू, दिसंबर तक केवल 31 मुहूर्त, अप्रैल एवं जुलाई में 16 तथा नवंबर-दिसंबर में शेष 17 दिन लग्न की तारीखें

साल 2024 के बचे दिनों में विवाह योग्य केवल 31 दिन ही लग्न मुहूर्त ज्योतिषियों ने बताए हैं, जो गुरुवार से प्रारंभ हो गया है। हालांकि ग्रीष्मकालीन लग्न मुहूर्त अप्रैल में नौ दिन और शेष जुलाई में सात दिन हैं। बाकी के 17 वैवाहिक लग्न मुहूर्त नवंबर-दिसंबर में बताए जाते हैं।

कल से शहनाई बजना हुआ शुरू, दिसंबर तक केवल 31 मुहूर्त, अप्रैल एवं जुलाई में 16 तथा नवंबर-दिसंबर में शेष 17 दिन लग्न की तारीखें
केटी न्यूज़, लखनऊ : साल 2024 के बचे दिनों में विवाह योग्य केवल 31 दिन ही लग्न मुहूर्त ज्योतिषियों ने बताए हैं, जो गुरुवार से प्रारंभ हो गया है। हालांकि ग्रीष्मकालीन लग्न मुहूर्त अप्रैल में नौ दिन और शेष जुलाई में सात दिन हैं। बाकी के 17 वैवाहिक लग्न मुहूर्त नवंबर-दिसंबर में बताए जाते हैं। यह स्थिति शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र व बृहस्पति के मई-जून में अस्त रहने को कारण बताया जाता है। 
वहीं 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है और इस दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। इसके कारण चार माह तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। बताया जाता है कि इस दौर में विष्णुदेव क्षीरसागर में शयन कर रहे होते हैं। आचार्य ने बताया कि कार्तिक शुक्ल की देवउठनी एकादशी (चातुर्मास्य की समाप्ति) 12 नवंबर को है। इसके बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे लेकिन, पहला शुभ लग्न मुहूर्त नवंबर की 17 तारीख को है और 17 ही लग्न मुहूर्त की शुभ तिथियां नवंबर-दिसंबर में बताई गई हैं। 
29 को शुक्र पांच मई को गुरु हो रहे अस्त 
आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि वैशाख कृष्ण की षष्ठी तिथि दिन सोमवार (29 अप्रैल) को शुक्र पूर्व में तो वैशाख कृष्ण की द्वादशी दिन सोमवार (पांच मई) को देवगुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त हो जाएंगे, इसीलिए मई-जून में शादी-विवाह के लग्न मुहूर्त के योग नहीं हैं। बृहस्पति का उदय ज्येष्ठ कृष्ण की द्वादशी दिन सोमवार (तीन जून) को तथा शुक्र का उदय आषाढ़ कृष्ण की सप्तमी तिथि में 28 जून को होगा। उसके बाद ग्रह, नक्षत्र की गणना के तदानुसार नौ जुलाई से एक बार फिर से लग्न मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे। 
आयोजन में चुनाव बाधक नहीं
लोकसभा चुनाव के किए कुल सात चरणों में मतदान होना है। इसमें पहले एवं दूसरे चरण के मतदान को छोड़कर शेष पांच चरण के होने वाले मतदान में शादी-विवाह के मुहूर्त नहीं पड़ रहे हैं और बक्सर लोकसभा चुनाव के लिए तो मतदान की तारीख एक जून घोषित की गई है, मतगणना चार जून को है। ऐसे में लोगों के लिए शादी-विवाह के आयोजन में यह चुनाव बाधक नहीं होगा। 
कम लग्न मुहूर्त से व्यवसायी दुखित
शादी-विवाह जैसे आयोजन में लॉज, धर्मशाला, होटल, वाहन आदि समेत बत्ती, टेंट, रसोइया आदि की डिमांड अधिक रहती है। जितनी अधिक लग्न मुहूर्त की तिथियां उतनी अधिक कमाई। लेकिन इस बार शादी-विवाह के लग्न मुहूर्त कम होने से सबसे अधिक दुखित इससे जुड़ा व्यावसायिक वर्ग है। टेंट, बत्ती के व्यवसाई मो. हाजी, अजय कुमार, विनोद कुशवाहा, पूनम प्रजापति आदि ने कहा कि हमारे व्यवसाय के लिए चुनाव कोई बाधा का विषय नहीं है, लग्न मुहूर्त की कम तारीख होने से मन अधिक दुखित है। 
वैवाहिक लग्न मुहूर्त की तारीखें
अप्रैल में - 18 से 26 तारीख तक
जुलाई में - नौ से 15 तारीख तक
नवंबर में - 17,18 एवं 22 से 26 तथा,
दिसंबर में - दो से पांच एवं नौ से 11 और 13 से 15 तारीख तक।