जेठ में होंगे कई व्रत-त्योहार, 26 मई को वट सावित्री व्रत
जेठ माह में कई व्रत-त्योहार होंगे। वैसे भी सनातन धर्म में इस माह को पुण्यकारी माना गया है। पंचागों और हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, जेठ माह 13 मई को शुरू हो चुका है जो 11 जून तक रहेगा। इस माह में वट सावित्री, गंगा दशहरा के अलावा निर्जला एकादशी भी है। ऐसी मान्यता है कि जेठ माह में जल और अन्नदान से दुष्ट ग्रह शांत हो जाते हैं। आचार्य पंडित विंध्याचल ओझा बताते हैं

केटी न्यूज/डुमरांव
जेठ माह में कई व्रत-त्योहार होंगे। वैसे भी सनातन धर्म में इस माह को पुण्यकारी माना गया है। पंचागों और हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, जेठ माह 13 मई को शुरू हो चुका है जो 11 जून तक रहेगा। इस माह में वट सावित्री, गंगा दशहरा के अलावा निर्जला एकादशी भी है। ऐसी मान्यता है कि जेठ माह में जल और अन्नदान से दुष्ट ग्रह शांत हो जाते हैं। आचार्य पंडित विंध्याचल ओझा बताते हैं
कि सनातन धर्म के लिए जेठ माह का अपना बहुत बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस माह हर सनातनियों को अपनी हैसियत के अनुसार, दान करना चाहिए। वैसे यह गर्मी का महीना होता है इसलिए हर इंसान को गरीबों के बीच छाता, चप्पल, अन्न आदि का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के ग्रह-गोचर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस साल जेठ माह में पड़ने वाला वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा।
पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए सुहागिनें यह व्रत करतीं हैं। इस बार यह व्रत सोमवार को होगा। सोमवार को अमावस्या होने से व्रती महिलाओं को सोमवती अमावस्या का पुण्य भी प्राप्त होगा। इस दिन सुहागिनें बरगद वृक्ष की पूजा कर धागा बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। उन्होंने बताया कि इस व्रत के करने से सुहागिनों के पतियों के अशुभ और हानिकारण ग्रह शांत होते हैं। इसलिए हर पतिव्रता महिलाओं को यह व्रत अनिवार्य रूप से करना चाहिए।
* पांच जून को पड़ रहा गंगा दशहरा, इसका है विशेष महत्व:
आचार्य बताते हैं कि सनातन धर्म में गंगा दशहरा का खास महत्व है। इसकी एक अलग ही महत्ता है। इस दिन गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु जरूरतमंदों को सत्तू, पंखा, गुड़ आदि दान कर सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि की कामना करते है। पांच जून गुरुवार को श्रद्धालु उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और सिद्धि के साथ-साथ सिद्ध और रवियोग में गंगा दशहरा मनाएंगे।
इस महीने में भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी। इसलिए यह महीना हनुमान जी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मान्यता यह है कि ज्येष्ठ माह में शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए इस महीने में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है।
* छह जून को निर्जला एकादशी व 11 को पूर्णिमा:
वे बताते हैं कि सनातन धर्म में निर्जला एकादशी अपने आप में बड़ा महत्व रखता है। छह जून को इस वर्ष निर्जला एकादशी पड़ रहा है। इस व्रत में श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और इस दिन अनाज के साथ-साथ जल का भी त्याग करते हैं।
भीषण गर्मी और उमस में पानी त्याग कर श्रद्धालु भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम और विष्णु मंत्र का जाप करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह में 11 जून को स्नान दान की पूर्णिमा के साथ यह माह समाप्त होगी।