डुमरांव में तीन दिवसीय गैर आवासीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण सम्पन्न
स्थानीय कन्या मध्य विद्यालय एवं महाजनी मध्य विद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय गैर आवासीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समुचित शिक्षा प्रदान करने हेतु शिक्षक-शिक्षिकाओं को समावेशी शिक्षा के आधुनिक तरीकों से प्रशिक्षित करना था। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर शिक्षकों ने चार्ट पेपर के माध्यम से अपनी-अपनी बेहतरीन शैक्षणिक प्रस्तुतियां दीं, जिसकी सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।
-- शिक्षकों ने चार्ट के माध्यम से दी प्रभावशाली प्रस्तुति
केटी न्यूज/डुमरांव।
स्थानीय कन्या मध्य विद्यालय एवं महाजनी मध्य विद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय गैर आवासीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समुचित शिक्षा प्रदान करने हेतु शिक्षक-शिक्षिकाओं को समावेशी शिक्षा के आधुनिक तरीकों से प्रशिक्षित करना था। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर शिक्षकों ने चार्ट पेपर के माध्यम से अपनी-अपनी बेहतरीन शैक्षणिक प्रस्तुतियां दीं, जिसकी सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।

महाजनी मध्य विद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षक के रूप में ज्योति कुमारी एवं अरूण चौबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं कन्या मध्य विद्यालय में प्रशिक्षक के रूप में जयप्रकाश सिंह एवं राहुल कुमार ने प्रशिक्षण दिया। सभी प्रशिक्षकों ने समावेशी शिक्षा की अवधारणा, विशेष बच्चों की पहचान, उनकी मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं, पाठ्यक्रम में उचित संशोधन, कक्षा प्रबंधन और व्यवहारिक शिक्षण विधियों पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षकों ने बताया कि समावेशी शिक्षा का उद्देश्य समाज के हर बच्चे को समान अवसर देना है, ताकि शारीरिक, मानसिक या सामाजिक किसी भी प्रकार की बाधा शिक्षा में रुकावट न बने। यह केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम होती है।
प्रशिक्षण के सफल संचालन में महाजनी मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र पांडेय एवं कन्या मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमलेश सिंह की भूमिका भी काफी सराहनीय रही। दोनों प्रधानाध्यापकों ने प्रशिक्षण से जुड़ी सभी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से संभाला और शिक्षकों को पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
कन्या मध्य विद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण में लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से नंदा कुमारी, अनिता यादव (राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित), सपना कुमारी, मधु, किरण, दिलीप कुमार, सतेन्द्र कुमार, संजय कुमार, मो. सनौवर आलम, दिवाकर, सनौवर आलम सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। सभी प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के प्रत्येक सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

समापन सत्र के दौरान शिक्षकों ने चार्ट पेपर के माध्यम से विशेष बच्चों की पहचान, कक्षा में समावेशी वातावरण का निर्माण, व्यक्तिगत शिक्षण योजना (आईईपी), व्यवहार प्रबंधन और सहयोगी शिक्षण जैसे विषयों पर आकर्षक एवं उपयोगी प्रस्तुतियां दीं। प्रस्तुति के माध्यम से यह स्पष्ट रूप से दिखाई दिया कि शिक्षक प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने विद्यालय में व्यवहारिक रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।इस अवसर पर प्रशिक्षकों ने कहा कि यदि शिक्षक संवेदनशीलता और समर्पण के साथ कार्य करें तो कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।

सभी शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समझने और उन्हें बेहतर ढंग से पढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। इस प्रशिक्षण से क्षेत्र में समावेशी शिक्षा को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षको द्वारा चार्ट पेपर पर सभी दिव्यांगता को दर्शाते हुये समूह प्रस्तुति की गई, प्रशिक्षको द्वारा आनंददायी बातावरण में प्रशिक्षण दिया गया।
