नियमित टीकाकरण का 99 प्रतिशत लक्ष्य हासिल, जिसे 100% करना जरूरी: सीएस

नियमित टीकाकरण का 99 प्रतिशत लक्ष्य हासिल, जिसे 100% करना जरूरी: सीएस
प्रशिक्षण में जानकारी देते डीआईओ

- नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने को लेकर सदर व राजपुर प्रखंड की एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण
- नियमित टीकाकरण के पूर्ण लक्ष्य को प्राप्ति के लिए दिए गए दिशा निर्देश

बक्सर | राज्य सरकार नियमित टीकाकरण के तहत पूर्ण प्रतिरक्षण के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। इस संबंध में नियमित रूप से दिए जाने वाले टीके के स्तर को बढ़ाने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्रम में मंगलवार को नियमित टीकाकरण के सुदृढीकरण को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने की। उन्होंने प्रशिक्षण में मौजूद एएनएम को बताया कि नियमित टीकाकरण को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से सुदृढ़ बनाना है। जिस प्रकार कोविड-19 संक्रमण काल में टीकाकरण को बाधित नहीं होने दिया गया, वैसे ही हमें इसे और आगे ले जाना है। ताकि टीकाकरण से कोई भी बच्‍चा ना छूटे। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने के लिए नियमित टीकाकरण का माइक्रोप्लान, ड्यू लिस्ट व संचार कार्य योजना को और बेहतर ढंग से तैयार करने की जरुरत महसूस की गई है। इसीलिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि  जिले में नियमित टीकाकरण का लक्ष्य 99 प्रतिशत प्राप्त हो चुका है। इसे 100 प्रतिशत करना है। इस दौरान 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दिए जाने वाले विभिन्न टीकों के अलावा बच्चों के  टीकाकरण करने के तरीके के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया गया । मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह, यूनिसेफ की एसएमसी शगुफ्ता जमील, यूएनडीपी के कोल्ड चेन मैनेजर मनीष कुमार श्रीवास्तव, सदर बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह, केयर के आलोक कुमार तथा सदर व राजपुर प्रखंड की एएनएम मौजूद रहीं।

एएनएम को दी गई टीकों की जानकारी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सिंह ने कार्यशाला के दौरान वहां मौजूद लोगों को बताया कि 0 से 12 महीने तक के बच्चे को  टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस बी, इनफ्लुएंजा, जेई, डायरिया सहित कुल 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए गर्भवती माँ के साथ साथ प्रसव के बाद नवजात को कुल 12 टीके दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह टीका यदि गर्भवती महिला के साथ साथ उसके बच्चों को समय से पड़ जाए तो हम बच्चे को पूरी तरह से सुरक्षित कर पाते हैं।

लाभुकों को नि:शुल्क दिया जाता है टीका :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सिंह ने बताया कि पूर्ण टीकाकरण को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। सरकारी अस्पताल में पड़ने वाले सभी टीके  की  कुल कीमत 26 हज़ार के आसपास है। जो सरकार नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है, जबकि यही टीका बाहर में 40 हज़ार के ऊपर के होते हैं। उन्होंने वहां मौजूद एमओआईसी एवं बीसीएम से अपील की है कि अपने स्तर से आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से लोगों के बीच सरकारी अस्पतालों में दिए जाने वाले टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। साथ ही टीके से होने वाले फायदे भी हर स्तर के लोगों तक पहुंचाएं।